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अनश्चितता के भंवर में किंगफिशर, 6 विमान हुए जब्‍त

संकटग्रस्त विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस ने पट्टा किराए और बकाया कर का भुगतान नहीं करने के चलते छह विमान गंवा दिए हैं. हालांकि, कंपनी ने कहा कि वह खाड़ी स्थित एतिहाद एयरवेज सहित विभिन्न निवेशकों के साथ इक्विटी साझीदारी के लिए बातचीत कर रही है.

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संकटग्रस्त विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस ने पट्टा किराए और बकाया कर का भुगतान नहीं करने के चलते छह विमान गंवा दिए हैं. हालांकि, कंपनी ने कहा कि वह खाड़ी स्थित एतिहाद एयरवेज सहित विभिन्न निवेशकों के साथ इक्विटी साझीदारी के लिए बातचीत कर रही है. लेकिन कंपनी ने इनमें से किसी के साथ भी किसी सौदे से इनकार किया है.

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कंपनी की बहाली योजना महीने के अंत से पूर्व पेश किए जाने की रपटों के बीच चार विमानों को अमेरिकी कंपनी आईएलएफसी ने वापस ले लिया है, जबकि दो विमानों को सेवाकर विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है. सूत्रों ने कहा कि ये विमान मुंबई हवाईअड्डे पर खड़े हैं.

मुंबई सेवाकर आयुक्त एस.के. सोलंकी ने बताया कि सेवाकर विभाग ने बकाए कर का भुगतान करने में चूक करने के लिए पिछले एक सप्ताह में दो विमानों को जब्त किया है. इनमें से एक विमान को मंगलवार को ही जब्त किया गया.

कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि कंपनी इक्विटी निवेश के लिए एतिहाद एयरवेज सहित विभिन्न निवेशकों के साथ चर्चा में है.’ ‘हालांकि, ना तो एतिहाद और ना ही किसी अन्य विमानन कंपनी के साथ कोई समझौता हुआ है और मामला महज बातचीत के स्तर पर है.’

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मीडिया के एक वर्ग में मंगलवार को कहा गया कि किंगफिशर एयरलाइंस 48 प्रतिशत हिस्सेदारी 3,000 करोड़ रुपये में बेचने के लिए एतिहाद के साथ समझौता करने की तैयारी में है. इस खबर से कंपनी का शेयर 5 प्रतिशत उछलकर 15.67 रुपये पर बंद हुआ.

इस बीच, किंगफिशर को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनी इंटरनेशनल लीज फाइनेंस कारपोरेशन (आईएलएफसी) ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की. किंगफिशर की ओर से भी टिप्पणी करने से मना कर दिया गया.

सूत्रों ने कहा, ‘एक और कंपनी (विमान पट्टे पर देने वाली) इंटरनेशनल लीज फाइनेंस कारपोरेशन ने किराए का भुगतान नहीं किए जाने के चलते किंगफिशर से चार एयरबस विमान वापस ले लिए हैं.’ सूत्रों के मुताबिक, किंगफिशर के 42 विमानों के बेड़े में आईएलएफसी से पट्टे पर लिए गए छह एयरबस विमान शामिल हैं.

लास एंजिलिस स्थित कंपनी आईएलएफसी को ईमेल भेजकर जवाब मांगे जाने पर कंपनी के प्रवक्ता ने लिखा है, ‘इस समय, हम किंगफिशर मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे.’ इसी तरह, किंगफिशर की प्रवक्ता ने भी यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार किया कि कंपनी वेंडरों के साथ संबंधों पर टिप्पणी नहीं करती.

इस संकटग्रस्त एयरलाइन पर सेवा कर विभाग का 190 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें से 127 करोड़ रुपये पर मुकदमा चल रहा है.

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