पिछले 10 महीने से वेतन न मिल पाने के कारण भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे ‘किंगफिशर एयरलाइंस’ के कर्मचारी कंपनी और सरकार की ओर से पूरी तरह नजरअंदाज किए जाने का विरोध करने और आगे की कार्रवाई तय करने के लिए बुधवार को बैठक किया.
कर्ज में डूबी किंगफिशर के एक कर्मचारी के कहा, 'हमें पिछले वर्ष मई से वेतन नहीं दिया गया है. हम सभी भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं. अब तक हमने कंपनी के पुनरुद्धार में मदद करने के लिए बहुत सब्र से काम लिया लेकिन अब हमारे सब्र का बांध टूट गया है और हम न्याय पाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. हम अपनी आगे की कार्रवाई तय करने के लिए बैठक कर रहे हैं.'
कर्मचारी ने कहा, 'हम कमजोर, अक्षम और प्रभावहीन कानून का विरोध कर रहे हैं जो कर्मचारी वर्ग के हितों की रक्षा करने में असमर्थ है. मौजूदा कानूनों को भी लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है. हम चाहते हैं कि संसद इस मामले को उठाए और कर्मचारी वर्ग की दुर्दशा से अवगत कराए.'
उद्योगपति विजय माल्या के मालिकाना हक वाली इस विमान कंपनी की उड़ानें गत वर्ष अक्टूबर से बंद है. किंगफिशर को बैंकों का 7000 करोड़ का ऋण अदा करना है. बैंकों ने कहा है कि वे अपना धन वसूलने के लिए जल्द ही कार्रवाई शुरू कर देंगे.