किंगफिशर के मालिक विजय माल्या की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. नेशनल कन्ज्यूमर डिस्प्यूट्स रेड्रेसल कमीशन (NCDRC) ने गुरुवार को सभी एयरलाइंस को कड़ा संदेश भेजा है. NCDRC ने किंगफिशर एयरलाइंस को 25 लाख रुपये गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के कंज्यूमर वेलफेयर फंड में जमा करने का आदेश दिया है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक किंगफिशर को ये राशि जुर्माने के तौर पर भरनी पड़ेगी. किंगफिशर ने उपभोक्ताओं से प्रीमियर सर्विस (किंगफिशर) का भुगतान लिया जबकि उन्हें लो कॉस्ट एयरलाइन (डेक्कन) की फ्लाइट से सफर करना पड़ा. दिल्ली के वकील जेके मित्तल और कंज्यूमर वॉइट नाम के एनजीओ ने 2008 में इस मामले में शिकायत दर्ज की थी. NCDRC ने कहा, 'हमने निर्देश दिया है कि इस ऑर्डर की एक-एक कॉपी डायरेक्टर जनरल (सिविल एविएशन) और भारत सरकार के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी को भी दी जाए. जिससे आने वाले समय में भारत की कोई और एयरलाइंस इस तरह की हरकत ना करे.'
किंगफिशर को 25 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश देते हुए कमिशन ने कहा, 'हमें नहीं पता कि इस तरह से एयरलाइंस ने कितने टिकट बेचे. लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि ऐसे टिकटों की संख्या बहुत ज्यादा होगी. हमें नहीं पता कि कंपनी ने इससे कितने पैसे कमाए लेकिन ये साफ है कि कंपनी ने उपभोक्ताओं से बहुत बड़ा अमाउंट वसूला.'
अपनी शिकायत में मित्तल ने अपना खुद का अनुभव बताया था कि उन्होंने 12 मार्च 2008 को किंगफिशर एयरलाइंस की वेबसाइट से दिल्ली से भुवनेश्वर की फ्लाइट बुक कराई थी. लेकिन जब वो एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि एयरलाइंस दिल्ली से भुवनेश्वर के बीच कोई फ्लाइट सर्विस नहीं देती है. उन्हें कहा गया कि वो लो-कॉस्ट एयरलाइन ले लें.