निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन ऐंड टूब्रो देश के मिसाइल उत्पादन के क्षेत्र में भी कदम रख रही है. इसके लिए लार्सन एंड टूब्रो ने यूरोप की जानी-मानी कंपनी एमबीडीए के साथ समझौता किया है. मेक इन इंडिया नीति के तहत इन दोनों कंपनियों ने साझा कंपनी एलऐंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम लिमिटेड नामक कंपनी बनाई है.
भारतीय कंपनी कानून के तहत बनी इस कंपनी का सूत्र वाक्य है `मेक थिंग्स दैट मेक इंडिया प्राउड'. यह नई कंपनी आने वाले पांच सालों में दस हजार करोड़ का मिसाइल कारोबार का लक्ष्य लेकर ये रक्षा उत्पाद क्षेत्र में उतरी है. एलऐंडटी के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन ए एम नाइक के मुताबिक नई कंपनी में एलऐंडटी की हिस्सेदारी 51 फीसदी होगी, जबकि एमबीडीए की 49 फीसदी. अगले दो सालों में इस नई कंपनी की मिसाइलें भारत में बननी शुरू हो जाएंगी. कंपनी पुणे स्थित अपने कारखाने में इनका शुरुआती उत्पादन करेगी.
इससे पहले भी दोनों कंपनियां अपने स्तर पर रक्षा उद्योग में सक्रिय रही हैं. जल, थल और आकाश तीनों क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए उपकरण और औजार बनाने के क्षेत्र में अपना दावा करने वाली दोनों कंपनियों ने साझा उपक्रम में भारत को आर्थिक और सामरिक रूप से मजबूत करने के लक्ष्य के साथ कदम बढ़ाया है. इनका कहना है कि ये अपनी तकनीक डीआरडीओ के साथ भी साझा कर सकते हैं. उनके निर्देशन में अत्याधुनिक मिसाइलों का उत्पादन किया जा सकता है. एमबीडीए के सीईओ एंतोनियो बोवियर के मुताबिक भारत की नीति देसी रक्षा उत्पादों को बढ़ावा देने की है. लिहाजा हम अपनी तकनीकी क्षमता भारतीय साझीदार के साथ साझा करेंगे. इससे भारत में न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि यहां के प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों को तरजीह भी मिलेगी.