केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के लीव ट्रैवल कन्सेशन (LTC) के नियमों में बदलाव किया है. अब तक वहां कोई उपयुक्त नियम नहीं था और इस बारे में बेईमानी की तरह-तरह की शिकायतें आ रही थीं.
एक आर्थिक समाचार पत्र के मुताबिक सरकार ने इस बारे में नए गाइडलाइन जारी किए हैं. अब तक इस बारे में कई समग्र नियम या कानून नहीं था, जिसका जमकर दुरुपयोग हो रहा था. अब नए नियमों से उन पर न केवल अंकुश लगेगा बल्कि उनके क्लेम भी कम हो जाएगा. सरकारी बैंकों, प्रतिष्ठानों, बीमा कंपनियों और अन्य रेगुलेटरी संस्थाओं के कर्मचारियों को जो LTC मिलता है, उसके बारे में सरकार के पास कई तरह की शिकायतें आ रही थीं कि उनका दुरुपयोग हो रहा है.
सीबीआई भी इनमें बेईमानी के कई मामलों की जांच कर रही है. सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी) ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह LTC/LTA के नियमों में बदलाव करे. सीवीसी के पास भी बैंकों, पीएसयू और ऐसे संस्थानों से बेईमानी की शिकायतें आ रही थीं. 30 अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने जो विस्तृत आदेश दिया है उसके मुताबिक अब बैंकों तथा सरकारी कंपनियों में LTC के पुराने नियम नहीं रहेंगे, अब उन पर भी वही नियम लागू होंगे जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होते हैं.
सरकारी कंपनियों में तो नियमों को बेहद आसान बनाया गया था, जिससे कर्मचारियों को खूब फायदा पहुंचता था. अखबार ने एक सरकारी बैंक के एमडी के मामले का खुलासा किया है. उन्होंने जयपुर से दिल्ली जाने के लिए 6 लाख रुपये का LTC क्लेम किया. उन्होंने लिखा कि वे दिल्ली ब्राजील के शहर साओ पाउलो होकर गए थे. ऐसा इसलिए संभव हुआ कि नियमों में बहुत सारे झोल हैं.
अब नए नियमों के तहत सरकारी बैंकों और कंपनियों के अफसर तथा कर्मचारी LTC के तहत विदेश यात्रा नहीं कर सकेंगे. वे उसी क्लास में यात्रा करेंगे, जिसके लिए वे अधिकृत हैं. अगर कोई अपने अधिकृत क्लास से नीचे के क्लास में यात्रा करेगा तो उसे उसी के पैसे मिलेंगे न कि उस क्लास के जिसके लिए वह अधिकृत है. अखबार ने लिखा है कि सरकार ने इन संस्थाओं के अफसरों और कर्मचारियों के TA/DA के नियमों में भी बदलाव किया है.
उनके रोज के भत्तों पर भी गाज गिरी है. अभी यह उनकी हैसियत के आधार पर होगा. ये सभी नए नियम 248 सरकारी इकाइयों पर भी लागू होंगे. इससे न केवल वहां बेईमानी खत्म होगी बल्कि परिचालन लागत भी कम होगी.