प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बजट 2010-11 को 'बेहद अच्छा' करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को पुन: सालाना 9 प्रतिशत की वृद्धि के मार्ग पर ले जाने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने इस आशंका को खारिज किया कि इस बजट से महंगाई बढ़ने की अटकलों को बल मिलेगा. वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा संसद में पेश किये गये आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तमंत्री ने अपना काम बखूबी पूरा किया है. उन्होंने कहा, 'आपको बजट से उभरी पूरी तस्वीर पर गौर करना चाहिये. वित्तमंत्री को अतिरिक्त शुद्ध राजस्व केवल 20,000 करोड़ रूपये मिलेगा.
भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था में राजस्व जुटाने के ऐसे प्रयास से मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका नहीं होनी चाहिये.' प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तमंत्री ने उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी जरूर की है लेकिन यह आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के पहले के स्तर तक नहीं बढ़ायी गई है. उन्होंने अब भी संतुलित कदम ही उठाया है और यह संकेत दिया है कि आप हर चीज एक साथ हासिल नहीं कर सकते.
पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर एक रूपया दाम बढ़ाने के अलावा कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों पर बुनियादी शुल्कों को बढ़ाने के मुखर्जी के प्रस्तावों का बचाव करते हुए सिंह ने कहा, 'अर्थव्यवस्था में इस तरह के समायोजनों को सहने की क्षमता है और इससे महंगाई नहीं बढ़ेगी.' प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं ये भी सोचता हूं कि वित्तमंत्री ने कहा है कि पेट्रोलियम पदार्थों पर आयात शुल्क उस समय बढ़ाये गये थे जब कच्चे तेल के दाम 112 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गये थे. अब कीमतें काफी नीचे आ चुकी हैं.'
प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को लागू करने की तिथि टालने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल इससे कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि डीटीसी को सरल बनाने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ेगी और गतिशीलता आयेगी पर मेरी राय में जो मसौदा जारी किया गया था उसको लेकर व्यावसायिक जगत में कुछ आशंकायें पैदा हो गयी थीं. प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिलाया कि जब तक इस आशंकाओं को दूर नहीं कर लिया जाता इसे थोपा नहीं जायेगा.
जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा कि इस पर आम सहमति की जरूरत है और सभी राज्यों को साथ लेकर ही इसे लागू किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल हम इस दिशा में प्रगति कर सकेंगे.