पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मौजूदा आर्थिक हालत को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. एक कार्यक्रम में मनमोहन सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार ‘मंदी’ जैसे शब्द को स्वीकार नहीं रही है और यही आज की सबसे बड़ी समस्या है. मोदी सरकार को पिछले कुछ दिनों में लगातार आर्थिक मोर्चे पर कई झटके मिले हैं. बेरोजगारी की बढ़ती समस्या के साथ-साथ दुनिया की कई आर्थिक एजेंसियों ने भारत की जीडीपी के अनुमान को घटाया है.
योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की किताब के लॉन्च पर मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया. मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर पहले के योजना आयोग के आधार पर हम विकास की गति को आगे बढ़ाते, तो 2024-25 तक 5 ट्रिलियन इकॉनोमी का सपना पूरा हो सकता था.
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मनमोहन सिंह बोले कि आज कई मुद्दों पर बातचीत करना जरूरी है, क्योंकि आज की सरकार मंदी जैसे शब्द को स्वीकारती नहीं है. अगर आप मुश्किलों को पहचानोगे ही नहीं तो आप उनका सही जवाब किस तरह ढूंढ पाओगे, यही सबसे बड़ा खतरा है.
पूर्व पीएम ने कहा कि सरकार का 8 फीसदी की अधिक गति से विकास को आगे बढ़ाने की सोचना चाहिए, लेकिन इसके लिए विल पावर की जरूरत है. इस वक्त देश में टैक्स रिफॉर्म की जरूरत है.
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चिदंबरम ने भी केंद्र सरकार को घेरा
इसी कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा. पी. चिदंबरम ने कहा कि आज मरीज की हालत खराब है और उसे ICU में नहीं ले जाया जा रहा है, बस उसे ICU के बाहर ही खड़ा किया गया है.
उन्होंने कहा कि आज देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, महंगाई बढ़ रही है लेकिन सरकार कुछ भी नहीं कर रही है. पूर्व वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि आप निर्मला सीतारमण को क्या सलाह देंगे, तो उन्होंने कहा कि वह तुरंत इस्तीफा दे दें.