पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज 85 बरस के हो गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई दी. देश में हुए आर्थिक सुधारों में मनमोहन सिंह का बड़ा योगदान रहा है. 1991 में जब ग्लोबलाइजेशन का निर्णय लिया गया तो मनमोहन ही देश के वित्त मंत्री थे. वहीं समय-समय पर पूर्व पीएम ने देश को कुछ चीज़ों के लिए चेताया भी है.
1. नोटबंदी
नोटबंदी लागू होने के बाद राज्यसभा में चर्चा के दौरान मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर कड़े वार किए थे. 2016 में मनमोहन ने बोले थे कि नोटबंदी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है. इससे अर्थव्यवस्था कमजोर हो सकती है, वहीं जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट आ सकती है. जो कि सच साबित हुआ था. ताजा आंकड़ों में जीडीपी का आंकड़ा गिरकर 5.7 फीसद पर आ गया है. वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी की रफ्तार 7.9 फीसदी थी.
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2. जीएसटी
जीएसटी के पास होने को यूं तो मनमोहन ने एक ऐतिहासिक कदम बताया था. लेकिन नोटबंदी के तुरंत बाद इसे लागू करने पर उन्होंने चेतावनी भी दी थी. मनमोहन ने एक टीवी चैनल से कहा था कि नोटबंदी और जीएसटी दोनों का जीडीपी वृद्धि पर कुछ असर हुआ है. इन दोनों का असर अनौपचारिक क्षेत्र, लघु क्षेत्र पर होगा. इन क्षेत्रों का जीडीपी में 40 प्रतिशत हिस्सा है.
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मेरे फैसले पर संदेह करने वाले गलत साबित हुए
हाल ही में मनमोहन सिंह ने कहा था कि वैश्वीकरण जारी रहेगा और 25 साल पहले जो देश की नई नीतियों को लेकर संदेह करते थे, वह आज गलत साबित हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि आर्थिक नीतियों का जोर और उसकी दिशा पिछले 25 साल से बरकरार है.
1991 के बाद ग्लोबल बना भारत
1991 में जब भारत को दुनिया के बाजार के लिए खोला गया तो मनमोहन सिंह ही देश के वित्त मंत्री थे. देश में आर्थिक क्रांति और ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत इन्होंने ही की थी. इसके बाद पीएम रहते हुए मनरेगा की शुरुआत भी एक बड़ा फैसला रहा, मनरेगा के कारण कई गरीब लोगों को रोजगार मिल पाया.