मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए जून का महीना काफी बेहतर साबित हुआ है. इस महीने में मैन्युफैक्चरिंग PMI में दिसंबर के बाद सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई है. जून में यह इंडेक्स 53.1 के स्तर पर पहुंचा गया है.
निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के मंथली सर्वे में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर ऑर्डर बढ़े हैं. इसके अलावा एक्सपोर्ट में भी इजाफा हुआ है. इसका सीधा फायदा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिला है.
मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई लगातार पिछले 11 महीनों से 50 अंक के ऊपर बना हुआ है. इससे पहले मई में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई घटकर 51.2 पर पहुंच गया था. अप्रैल में यह 51.6 पर था.
आईएचएस मार्किट की इकोनॉमिस्ट और रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने बताया कि जून महीने में आई तेजी से यह संकेत मिलता है कि मांग बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार बढ़ रही है.
दिसंबर के बाद नये ऑर्डर बढ़े हैं. इससे घरेलू और वैश्विक स्तर पर मांग बेहतर रही है. इससे इस सेक्टर में परचेजिंग बढ़ी है. साथ ही स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक इनपुट कॉस्ट इन्फ्लेशन और आउटपुट चार्जेस में तेजी आई है. इससे यह आशंका है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगली बैठक में ब्याज दरें बढ़ा सकता है. इससे पहले जून महीने में आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर चुका है.