थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित थोक महंगाई दर मार्च महीने में बढ़कर 5.7 फीसदी हो गई, जो पिछले तीन महीने का ऊपरी स्तर है.
फरवरी के लिए यह दर 4.68 फीसदी थी. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार महंगाई दर में हुई वृद्धि में प्रमुख योगदान खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में हुई वृद्धि ने किया. मार्च 2013 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 5.65 फीसदी थी.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से यहां जारी आंकड़े के अनुसार समग्र कारोबारी वर्ष 2013-2014 के लिए थोक महंगाई दर 5.7 फीसदी रही, जो 2012-13 के लिए 5.65 फीसदी थी. ताजा आंकड़े में जनवरी 2014 की महंगाई दर को संशोधित कर 5.05 फीसदी से 5.17 फीसदी कर दिया गया.
खाद्य महंगाई दर मार्च में 9.9 फीसदी रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 8.12 फीसदी थी. ईंधन और बिजली महंगाई दर 11.22 फीसदी रही. एंजल ब्रोकिंग की अर्थशास्त्री भुपाली गुरसाले ने कहा कि मार्च का आंकड़ा निराशाजनक है और यह बाजार के 5.3 फीसदी अनुमान से अधिक है.
आलोच्य अवधि में सब्जियों, फलों, दूध, अंडे, मांस और मछली की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की गई. इस दौरान आलू 27.83 फीसदी, फल 16.15 फीसदी, दूध 9.47 फीसदी और अंडे, मांस तथा मछली 11.19 फीसदी महंगा हुए. प्रमुख उद्योगों की महंगाई दर भी मार्च में बढ़कर 3.5 फीसदी रही, जो फरवरी में 3.2 फीसदी थी.
उषा अनंतसुब्रमण्यम, सीएमडी, भारतीय महिला बैंक का कहना है कि आंकड़ों को छोड़ भी दें तो भी आम आदमी के काम की चीजों की महंगाई लगातार बढ़ रही हैं.