वह छोटी-सी कार, जिसने भारतीयों के सोचने का तरीका बदल दिया और जिसकी सवारी करना कभी शान की बात होती थी, अब बननी बंद हो गई. कंपनी ने पिछले महीने इसे बनाना बंद कर दिया.
मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि कंपनी ने पिछले महीने मारुति 800 का निर्माण बंद कर दिया. अब यह कार न बनेगी और न ही बिकेगी.
उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि जब कंपनी ने कार प्रोजेक्ट शुरू किया था, तो हमें पता नहीं था कि इस कार को लोग पसंद करेंगे या नहीं. कंपनी ने बहुत सीमित रूप में काम शुरू किया था.
भार्गव ने बताया कि जब हमने एक लाख कारों के निर्माण का लक्ष्य तय किया, तो लोग कह रहे थे कि यह 40,000 भी नहीं बिकेगी. लेकिन पहली बार ही सवा लाख कारों की बुकिंग से आलोचकों की बात गलत साबिक हो गई.
800 वह कार है, जिसने मारुति कंपनी को बनाया. इस कार की सफलता के बाद कंपनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. जापानी कंपनी सुजुकी की साझीदारी में बनी इस कंपनी में भारत सरकार के भी शेयर थे, जो बाद में उसने सुजुकी को ही बेच दिए. कुछ शेयर बाज़ार में भी है.
हालांकि कंपनी ने कार की बिक्री बंद कर दी है, लेकिन इसके पुर्जे अगले 8 से 10 वर्षों तक मिलते रहेंगे, ताकि ग्राहकों को परेशानी न हो.
कंपनी ने इसे रिप्लेस करने के लिए अल्टो 800 पेश कर दी है, जो पहले वाले मॉडल से बेहतर है. इस कार में कई खूबियां भी हैं.