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इकोनॉमी क्लास का विमान किराया अधिकतम 20,000 करने पर विचार कर रही मोदी सरकार

केंद्र सरकार इकोनॉमी क्लास में विमान यात्रा के लिए अधिकतम किराए की सीमा 20,000 रुपये तय करने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है, तो एयरलाइंस न तो मनमाना किराया वसूल सकेंगी, न ही मार्केट को बिगाड़ने वाले किराए की पेशकश कर सकेंगी.

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स्पाइसजेट बोइंग
स्पाइसजेट बोइंग

केंद्र सरकार इकोनॉमी क्लास में विमान यात्रा के लिए अधिकतम किराए की सीमा 20,000 रुपये तय करने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है, तो एयरलाइंस न तो मनमाना किराया वसूल सकेंगी, न ही मार्केट को बिगाड़ने वाले किराए की पेशकश कर सकेंगी. जानिए वे 5 वजहें, आख‍िर क्यों खस्ताहाल है स्पाइस जेट

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ऐसा कदम उठाने के पीछे सरकार का मकसद यह है कि कॉम्पिटिशन के दौर में किसी भी एयरलाइंस की हालत ज्यादा खराब न हो सके. बजट एयरलाइन स्पाइसजेट मामले के बाद यह प्रस्ताव सामने आया है. स्पाइसजेट पूरे साल के दौरान प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने के लिए कम से कम किरायों की पेशकश करती रही. अब हालत यह है कि वह खुद नकदी संकट से जूझ रही है.

नागर विमानन मंत्रालय के एक आंतरिक नोट में कहा गया है कि न्यूनतम और अधिकतम हवाई किराया तय करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. इकोनॉमी श्रेणी में अधिकतम किराया करीब 20,000 रुपये तय करने की जरूरत है. सरकार का विचार है कि कई कंपनियां किरायों में भारी छूट की पेशकश की वजह से भारी घाटा उठाने की स्थिति में पहुंच गई हैं. कुछेक मामलों में तो किराए एयरलाइंस चलाने की लागत को भी पूरा नहीं करते हैं.

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---इनपुट भाषा से

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