scorecardresearch
 

मोदी सरकार को दोहरी राहत, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बढ़ा, महंगाई घटी

देश की अर्थव्यवस्था के लिए सोमवार को आए दोहरे आर्थिक आंकड़े मजबूत रहे. यह आंकड़े केन्द्र सरकार के लिए भी बड़ी राहत साबित हुआ है. केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने के दौरान देश में आर्थिक गतिविधि मापने के लिए इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) के आंकड़े 3.1 फीसदी रहे जबकि मार्च में यह आंकड़े 2.7 फीसदी थे.

Advertisement
X
घटी महंगाई
घटी महंगाई

देश की अर्थव्यवस्था के लिए सोमवार को आए दोहरे आर्थिक आंकड़े मजबूत रहे. यह आंकड़े केन्द्र सरकार के लिए भी बड़ी राहत साबित हुआ है. केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने के दौरान देश में आर्थिक गतिविधि मापने के लिए इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन(आईआईपी) के आंकड़े 3.1 फीसदी रहे जबकि मार्च में यह आंकड़े 2.7 फीसदी थे.

Advertisement

वहीं सीएसओ द्वारा जारी महंगाई के आंकड़ो के मुताबिक मई के आंकड़ों में सरकार को बड़ी राहत मिली है. मई के दौरान कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) रीटेल महंगाई कम होकर 2.18 फीसदी पर रही. जबकि अप्रैल के दौरान रीटेल महंगाई 2.99 फीसदी के स्तर पर थी.

सब्जी, दाले सस्ती, मई में मुद्रास्फीति रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर
सब्जी और दाल जैसी खाने-पीने की वस्तुओं के सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई में रिकार्ड 2.18 फीसदी के निम्न स्तर पर आ गयी. हालांकि इस दौरान फल थोड़ा महंगे रहे. आलोच्य महीने में कपड़ा, आवास, ईंधन और बिजली की दरें सस्ती हुईं. खुदरा मुद्रास्फीति का मई का आंकड़ा इसका रिकार्ड न्यूनतम स्तर है.

अप्रैल 2017 में यह 2.99 फीसदी और मई 2016 में यह 5.76 फीसदी थी. कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति में आलोच्य महीने में 1.05 फीसदी की गिरावट आयी. मई में सब्जियों की कीमतें सालाना आधार पर 13.44 फीसदी नीचें रहीं. दाल दलहनों के भाव एक साल पहले की तुलना में 19.45 फीसदी नीचे रहे.

Advertisement

गौरतलब है कि महंगाई में कमी से केन्द्रीय रिजर्व बैंक को अब अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति निर्धारित करते समय ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लेने में आसानी होगी. बीते हफ्ते महंगाई के डर और जीएसटी की चुनौतियों के चलते केन्द्र सरकार ने ब्याज दरों कटौती करने से इनकार कर दिया था.

आईआईपी आंकड़ों में सुधार केन्द्र सरकार के लिए इसलिए भी बड़ी राहत है क्योंकि पिछले साल इस माह में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 6.5 फीसद थी और नोटबंदी के बाद इसे बड़ा धक्का लगा था. लिहाजा, आंकड़ों में मजबूती आने से केन्द्र सरकार को आर्थिक स्थिति मजबूत होने का जायजा मिल रहा है.

अप्रैल में पड़ी थी दोहरी मार
भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रोथ की उम्मीद को अप्रैल के दौरान तगड़ा झटका लगा था. फरवरी में आईआईपी ग्रोथ की रफ्तार उम्मीद से बेहद खराब दर्ज हुई थी. जहां अर्थशाष्त्रियों को उम्मीद थी कि फरवरी में आईआईपी ग्रोथ 1.8 फीसदी रह सकती है वहीं सीएसओ आंकड़ों में यह घटकर -1.2 फीसदी रह गई थी. जनवरी के दौरान यह आंकड़े 2.7 फीसदी थे.

साल दर साल के आधार पर अप्रैल 2016 और फरवरी 2017 के दौरान आईआईपी ग्रोथ 2.6 फीसदी से घटकर 0.4 फीसदी रही थी. महीने दर महीने के आधार पर फरवरी में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 5.3 फीसदी से घटकर 3.3 फीसदी रही. वहीं फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 2.3 फीसदी से घटकर -2 फीसदी हो गई. पॉवर सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी से घटकर मात्र 0.3 फीसदी रह गई थी.

Advertisement

Advertisement
Advertisement