चेन्नई में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) ने बैकिंग सेक्टर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उठाए गए कदम का विरोध किया है. 10 सरकारी बैंकों के 4 बैंकों में विलय के खिलाफ अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह लोकतंत्र विरोधी है और बैंकों को बंद करना स्वीकार्य नहीं है.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कर्मचारियों के खिलाफ जा रहा है और जिस तरह से सरकार कर्मचारियों के साथ व्यवहार कर रही है और इसका विरोध किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पूंजीपतियों के लाभ के लिए सरकार के फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
आपको बता दें कि शुक्रवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के विलय का ऐलान किया था. साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे, जिनकी संख्या अब घटकर 12 हो गई है. यह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान की ही महत्वाकांक्षी योजना है. बैंकों के विलय को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं रहती हैं, लेकिन अभी तक इससे देश को फायदा ही मिला है.
सबसे पहले एसबीआई में उसके सहायक बैंकों और महिला बैंक का विलय किया गया था. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय कर दिया गया था. बैंकों के विलय के बाद एसबीआई दुनिया के 50 सबसे बड़े बैंकों की सूची में शामिल हो गया था.