दूरसंचार ऑपरेटरों ने जून-सितंबर की अवधि के दौरान देश भर में अपनी मोबाइल इंटरनेट दरों में 100 फीसदी तक का इजाफा किया है. ताजातरीन मामले में एयरटेल ने अपनी मोबाइल दरों में 33 फीसदी का इजाफा किया है. वहीं, वोडाफोन और आइडिया ने जून से धीरे-धीरे मोबाइल इंटरनेट दरों में बढ़ोतरी का क्रियान्वयन शुरू किया है. मोबाइल सेवा बाजार में इन तीनों कंपनियों की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 57 फीसदी है.
वोडाफोन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘दो माह पहले हमने 1 जीबी के 2जी पैक के लिए आधार दर 155 से बढ़ाकर 175 रुपये कर दी है. इसे विभिन्न सर्किलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है.’ एयरटेल और आइडिया ने भी 1 जीबी के 2जी मोबाइल पैक के लिए दर 155 रुपये से बढ़ाकर 175 रुपये कर दी है. आमतौर पर दूरसंचार ऑपरेटर मोबाइल दरों में बढ़ोतरी की सार्वजनिक घोषणा नहीं करते हैं. नई दरों को लागू करने के बाद इस बदलाव को वे अपनी वेबसाइट पर डालते हैं.
आमतौर पर ऑपरेटर नए बिलिंग साइकिल से पहले पोस्ट पेड ग्राहकों को एसएमएस के जरिए दरों में बदलाव की सूचना देते हैं. कुल दूरसंचार बाजार में 90 फीसदी प्रीपेड बाजार है. उन्हें दरों में संशोधन के बारे में उस समय जानकारी मिलती है जब वे अपने मोबाइल फोन का रिचार्ज कराने जाते हैं.
दूरसंचार ऑपरेटरों को दरों में बदलाव की सूचना भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को देनी होती है. वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर ने रैक दरों में 100 फीसदी की वृद्धि की है. इन कंपनियों ने इसे प्रति 10 केबी के डेटा के लिए दर 2 से बढ़ाकर 4 पैसे कर दी है.
इसका मतलब है कि वोडाफोन और आइडिया के नेटवर्क पर 1 जीबी के 2जी या 3जी मोबाइल इंटरनेट की दर अब 4,000 रुपये बैठेगी, जो पहले 2,000 रुपये बैठती थी. ये कंपनियां इसकी पेशकश 175 रुपये में कर रही हैं.
एयरटेल ने सितंबर के पहले सप्ताह से मोबाइल इंटरनेट दरों में बढ़ोतरी शुरू की है. अब उसकी रैक दर वोडाफोन और आइडिया के बराबर हो गई है. हालांकि, यह बढ़ोतरी सिर्फ 33 फीसदी है, क्योंकि कंपनी पहले से 10 केबी के लिए 3 पैसे का शुल्क ले रही थी.