इस बात की संभावना है कि आपके मोबाइल फोन का बिल बढ़कर आएगा. ऐसा इसलिए होगा कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने सरकार से सिफारिश की है कि वह 2जी सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले स्पेक्ट्रम की रिजर्व कीमत बढ़ा दे. यह खबर एक अंग्रेजी अखाबर ने दी है.
बताया जाता है कि ट्राई ने कहा है कि 1,800 मेगाहर्ट्ज बैंड में इस्तेमाल होने वाले स्पेक्ट्रम की रिजर्व कीमत बढ़ा दी जाए. इससे उन कंपनियों का खर्च बढ़ जाएगा जो 2जी सेवाएं दे रही हैं. स्पेक्ट्रम की बढ़ी हुई कीमतों के कारण टेलकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों पर आर्थिक भार बढ़ेगा और वे अपनी खर्च पूरा करने के लिए उसे ग्राहकों पर लाद देंगी.
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डीजी राजन मैथ्यूज ने कहा कि स्पेक्ट्रम की कीमत बढ़ाने से ग्राहकों पर बोझ बढ़ेगा. पिछले एक साल में ऑपरेटरों ने वॉयस और डेटा दोनों की दरें लगभग दोगुनी कर दी हैं. अब स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद वे इसे और बढ़ा सकती हैं.
दरअसल सरकार को स्पेक्ट्रम की नीलामी से 90,000 करोड़ रुपये चाहिए. अगर सरकार और बड़ा लक्ष्य रखती है तो टेलीकॉम कंपनियों पर और दबाव पड़ेगा. ऐसे में वे कॉल की दरें बढ़ा देंगी.