भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार 2.0 लगातार एक्शन में दिख रही है. रक्षा मंत्रालय ने हथियारों के सौदागर संजय भंडारी के साथ सभी तरह के कारोबार पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगा दी है. संजय भंडारी फरार है और रॉबर्ट वाड्रा के कथित लंदन प्रॉपर्टी खरीद मामले में जांच के घेरे में हैं.
गौरतलब है कि यूपीए सरकार के दौर में भंडारी कथित रूप से कई रक्षा सौदों में शामिल रहा है और आरोप है कि उसने पिलाटस (75 पिलाटस पीसी-7 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट) डिफेंस डील में जो दलाली ली थी. उसने उस रकम को शेल कंपनियों के माध्यम से देश से बाहर भेज दिया और उससे लंदन में बेनामी प्रॉपर्टी खरीदी गई, जिसके मालिक कथित रूप से रॉबर्ट वाड्रा हैं.
इस बारे में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, 'सक्षम अथॉरिटी की मंजूरी से यह निर्णय लिया गया है कि ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और उसकी समूह कंपनियों के साथ कारोबार पर लगी रोक को अगले आदेश तक जारी रखा जाए. मंत्रालय और सर्विस हेडक्वार्टर के सभी धड़ों से अनुरोध है कि इस निर्णय का सख्ती से पालन करें.'
गौरतलब है कि भंडारी की कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशन (OIS) के साथ रक्षा मंत्रालय ने किसी तरह के कारोबार पर पहली बार रोक फरवरी 2018 में लगाई थी.
प्रवर्तन निदेशालय हथियारों के डीलर संजय भंडारी के खिलाफ एक मामले की जांच कर रहा है और इसके लिए प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेना चाहता है. ईडी का दावा है कि संजय भंडारी को पेट्रो और रक्षा सौदों में दलाली मिली है. संजय भंडारी लंदन में है और उसे प्रत्यर्पित करने की भारत सरकार कोशिश कर रही है.
ये है मामला
हथियार सौदों के अलावा संजय भंडारी की तलाश ओएनजीसी द्वारा बनाए जाने वाले एक पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स को लेकर भी है. इसे बनाने का जिम्मा सैमसंग इंजीनियरिंग को मिला था और सैमसंग ने इसके लिए संजय भंडारी के दुबई स्थित फर्म सैन्टेक इंटरनेशनल एफजेसी की सेवाएं ली थी. संजय भंडारी की कंपनी सैन्टेक इंटरनेशनल ने इसके बाद जून 2009 में लंदन के 12 ब्रायन्स्टोन स्क्वायर पर एक प्रॉपर्टी खरीदी. यह प्रॉपर्टी वॉरटेक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खरीदी गई है.
सैन्टेक ने इसके लिए वॉरटेक्स के खाते में 19 लाख पाउंड ट्रांसफर किए. बाद में वॉरटेक्स प्राइवेट लिमिटेड के सभी शेयर स्काई लाइट इनवेस्टमेंट एफजेई दुबई के द्वारा खरीद लिए गए. इस कंपनी पर नियंत्रण सी थम्पी का है जिसे रॉबर्ट वाड्रा का करीबी सहयोगी बताया जाता है.