ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर झटका दिया है. दरअसल, फिच ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.4% से घटाकर 7.2% कर दिया है. चालू वित्त वर्ष (2018-19) के लिए यह अनुमान जारी किया गया है.
इसके साथ ही फिच ने मोदी सरकार की आर्थिक नीति पर भी सवाल खड़े किए हैं. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि भारत की जीडीपी के आंकड़े उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने और बाजार में नकदी की कमी को देखते हुए अनुमान घटाया गया है. जुलाई-सितंबर में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.1% रही, अप्रैल-जून में यह 8.2% थी.
फिच के मुताबिक अगले वित्त वर्ष (2019-20) में भारत की विकास दर 7% और साल 2020-21 में 7.1% रहने की उम्मीद है. रेटिंग एजेंसी ने जून में 2019-20 के लिए 7.5% ग्रोथ का अनुमान जारी किया था. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए उम्मीद है कि भारत की वित्तीय नीतियां लगातार ग्रोथ को बढ़ावा देने वाली होंगी. फिच के मुताबिक साल 2019 के आखिर तक डॉलर के मुकाबले रुपया 75 तक गिर सकता है.
फिच के मुताबिक डोमेस्टिक डिमांड के कुछ कंपोनेंट का प्रदर्शन अच्छा रहा, विशेष तौर पर इन्वेस्टमेंट का. इन्वेस्टमेंट में वित्त वर्ष 2017 की दूसरी छमाही के बाद से धीरे-धीरे मजबूती आई है.
अभी भी NPA का उच्च स्तर बरकरार
फिच ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र अभी भी NPA के उच्च स्तर से जूझ रहा है, जबकि नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस IL&FS के डिफॉल्ट्स के बाद लिक्विडिटी की कमी की समस्या झेल रहे हैं.