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GST पर मोदी के भाषण के 5 मायनेः ममता पर निशाना, न्यू इंडिया कैंपेन को किया मजबूत

मोदी ने अपनीस्पीच में कहा- जीएसटी एक ऐसा कैटालिस्ट है, व्यापार में असंतुलन है उसे खत्म करेगा. जो राज्यविकसित हुए हैं उनके साथ साथ पीछे छूटे राज्यों को भी आगे बढ़ाएगा. बिहार, पूर्वी यूपी, पश्चिम बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों को जब एक कानून कीव्यवस्था मिलेगा तो वे आगे बढ़ेंगे. पूर्वी हिस्सेको विकास का अवसर मिलेगा.

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शुक्रवार रात संसद में मोदी
शुक्रवार रात संसद में मोदी

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पीएम नरेंद्रमोदी ने शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात जीएसटी लागू होने से पहले संसद केसेंट्रल हॉल में स्पीच दी. उन्होंने अपनी स्पीच में वन टैक्स, वन नेशन जैसी व्यवस्था लागू करने केलिए सभी दलों को क्रेडिट दिया.पर इस सेशन का बहिष्कारकरने वाली कांग्रेस और ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी पर इशारों में हमला बोलने सेभी नहीं चूके. इसके अलावा उन्होंने 2019 से पहले न्यू इंडिया कैंपेन को मजबूत करने की कोशिश कि जिसकाजिक्र उन्होंने कुछ महीने पहले दिल्ली में किया था.

 1. नहीं आईं ममता, और मोदी का बंगाल का जिक्र

ममता बनर्जी ने सबसे पहले जीएसटी के इस सेशन में शामिल न होने का ऐलान किया था. उनके वित्त मंत्री अमित मित्रा भले ही जीएसटी की काउंसिल मीटिंग में शामिल होते रहे पर उन्होंने लागू करने के वक्त को कम बताते हुए इसमें आने से इनकार कर दिया. मोदी ने अपनी स्पीच में कहा- जीएसटी एक ऐसा कैटालिस्ट है, व्यापार में असंतुलन है उसे खत्म करेगा. जो राज्य विकसित हुए हैं उनके साथ साथ पीछे छूटे राज्यों को भी आगे बढ़ाएगा. बिहार, पूर्वी यूपी, पश्चिम बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों को जब एक कानून की व्यवस्था मिलेगा तो वे आगे बढ़ेंगे. पूर्वी हिस्से को विकास का अवसर मिलेगा.

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 2. ट्रिस्ट विद डेस्टनी और संसद हॉल की कहानी

जब मोदी सरकारने संसद का विशेष मिडनाइट सेशन बुलाकर जीएसटी लागू करने का ऐलान किया था तो कांग्रेसने इसकी तुलना पं. जवाहर लाल नेहरू के आजादी की स्पीच से कर दी. ट्रिस्ट विदडेस्टनी स्पीच की बाराबरी करने की बात की गई. पर मोदी इससे आगे निकल गए. उन्होंनेसेंट्रल हॉल का इतिहास बताते हुए सबसे पहले संविधान की बैठक का जिक्र किया. कहा- 9 दिसंबर 1946 से इस जगह को हम याद करते हैं. संविधान सभाकी पहली बैठक से यह हॉल साक्षी है. जब संविधान सभा की पहली बैठक हुई, पंडित जवाहर लाल नेहरु, डॉक्टर पटेल जैसे नेता थे. वो सदन,जो कभी 14 अगस्त 1947 रात 12 बजे देश की स्वतंत्रता पवित्र और महान घटनाका साक्ष्य है. 26 नवंबर1949 देश ने संविधानको स्वीकार किया. यह वही जगह है. और आज जीएसटी के रूप से बढ़कर कोई और स्थान नहींहो सकता, इस काम केलिए. देखा जाए तो मोदी ने नेहरू के ट्रिस्ट विद डेस्टनी का ठीक से जिक्र भी नहींकिया.

 3. पटेल की तारीफ

मोदी ने अपनी स्पीच में कहा- हम कल्पना करें जब देश आजाद हुआ तब 500 रियासतें थीं. अगर सरदार पटेल ने सबको मिलाकर एक न किया होता तो देश का मानचित्र कैसा होता? जिस प्रकार से पटेल ने एकीकरण का काम किया था उसी तरह आज जीएसटी के द्वारा आर्थिक एकीकरण का महत्वपूर्ण काम हो रहा है. यहपहला मौका नहीं है जब मोदी ने पटेल को इतनी अहमियत दी.

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 4. दिक्कत पर पहले से ही सफाई

जीएसटी केलिए पूरी तैयारी न होने की बात विपक्ष उठाता रहा है. मोदी सरकार के मंत्री भी मानरहे हैं कि जीएसटी लागू करने के बाद कारोबार में दिक्कतें आएंगी. महंगाई बढ़ी तोआम लोगों को भी दिक्कत होगी. पीएम मोदी ने भी इसे लेकर पहले ही सफाई दे दी.उन्होंने कहा कि भले ही कोई पुराना डॉक्टर हो, पर जब हम अपनी आंख टेस्ट कराने जाते हैं.नंबर बढ़ता है और नया चश्मा आता है तो उसे एडस्ट करने में कुछ दिन तो लग ही जातेहैं.

 

5. न्यू इंडिया कैंपेन को किया और मजबूत

मोदी ने अपनीस्पीच में कहा- जीएसटी ऐसी व्यवस्था है, जिसमें केंद्र राज्य के लोग मिलकर निश्चित दिशा में काम करेंगे.एक भारत, श्रेष्ठ भारतके लिए व्यवस्था बनेगी. 2022में आजादी के 75 साल होरहे हैं. हम न्यू इंडिया का सपना लेकर चल रहे हैं. जीएसटी न्यू इंडिया की टैक्स व्यवस्थाहै, सिर्फ ईज ऑफडूइंगि नहीं वे ऑफ डूइंगि बिजनेस है. यह सिर्फ टैक्स नहीं बल्कि आर्थिक रिफॉर्म और सामाजिक रिफॉर्म है.

 

 

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