प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों से कॉल ड्रॉप की समस्या को तुरंत सुलझाने को कहा है. उन्होंने कहा कि इससे सीधे आम आदमी को परेशानी होती है.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिया गया. बैठक में उन्होंने डिजिटल एवं ग्रामीण बुनियादी ढांचा के अलावा कनेक्टिविटी की प्रगति की समीक्षा की.
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कॉल ड्रॉप के मुददे पर गंभीर चिंता जतायी और अधिकारियों से पूछा कि आम आदमी को प्रभावित करने वाले इस समस्या के हल के लिये क्या किया जा रहा है.
बयान में कहा गया है, उन्होंने समस्या के समाधान के लिये तेजी से कदम उठाने का निर्देश दिया और यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि वॉयस कनेक्टिविटी की समस्या डेटा कनेक्टिविटी तक नहीं पहुंचे. बैठक में मोदी को देश भर में मोबाइल कनेक्टिविटी की स्थिति से अवगत कराया गया.
उन्होंने अधिकारियों से दूरदराज और फोन संपर्क सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिये रेलवे तथा अन्य संचार संबंधी ढांचागत सुविधाओं समेत मौजूदा संसाधनों का उपयोग करने को कहा. बयान के अनुसार, उन्होंने जोर देकर कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे के लक्ष्य को डिजिटल इंडिया पहल के लक्ष्य के साथ जोड़ा जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने 1,000 दिन के भीतर देश में बिजली सुविधा से वंचित गांवों में बिजली पहुंचाने के लिये की गयी तैयारियों के बारे में अधिकारियों से ब्योरा मांगा. प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इसका जिक्र था. उन्होंने संबंधित विभागों को तात्कालिक आधार पर इस लक्ष्य में हुई प्रगति पर नजर रखने का निर्देश दिया.
इनपुट : भाषा