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मौद्रिक नीति समीक्षा मंगलवार को, ब्याज दरों में यथास्थिति बनाए रख सकता है रिजर्व बैंक

वित्त मंत्री अरुण जेटली और उद्योग जगत रिजर्व बैंक से लगातार ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रहे हैं, लेकिन दो दिसंबर को पेश होने वाली मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा में आरबीआई ऐसा कुछ करने की योजना नहीं रखता है. बताया जाता है कि भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में यथास्थिति कायम रख सकता है.

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आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन
आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन

वित्त मंत्री अरुण जेटली और उद्योग जगत रिजर्व बैंक से लगातार ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रहे हैं, लेकिन दो दिसंबर को पेश होने वाली मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा में आरबीआई ऐसा कुछ करने की योजना नहीं रखता है. बताया जाता है कि भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में यथास्थिति कायम रख सकता है. दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.3 फीसदी रही है, जबकि मुद्रास्फीति की दर भी कई साल के निचले स्तर पर आ गई है, लिहाजा ब्याज दरों में कटौती का मामला बनता है.

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एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहती हैं, 'तथ्य यह है कि सभी मानदंड इस ओर संकेत कर रहे हैं कि मुद्रास्फीति में और गिरावट आएगी. नवंबर से जनवरी के दौरान आधार प्रभाव की वजह से यह उपर जा सकती है. लेकिन मार्च तक यह रिजर्व बैंक के लक्ष्य से कम होगी.' भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है.

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक दीपक नारंग ने कहा कि रिजर्व बैंक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए ब्याज दरों में कटौती को अभी कुछ समय और इंतजार करेगा. हालांकि, यस बैंक के सीईओ व प्रबंध निदेशक राणा कपूर का विचार है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में चौथाई फीसद की कटौती कर सकता है. कपूर ने कहा कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति में हाल में आई कमी से राहत ले सकता है और ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है.

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गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरण जेटली ने पिछले सप्ताह एक इंटरव्यू के दौरान उम्मीद जताई थी कि रिजर्व बैंक पूंजी की लागत को कम करने की दिशा में आगे बढ़ेगा. मार्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक दो दिसंबर को ब्याज दरों को नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा. हम इस बैठक में ब्याज दरों में कटौती को काफी कम संभावना दे रहे हैं. घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने भी इसी तरह की राय जताते हुए कहा कि रघुराम राजन अगले सप्ताह की मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में यथास्थिति कायम रखेंगे. विश्लेषकों का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस सप्ताह ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा, लेकिन चालू वित्त वर्ष के अंत तक वह ब्याज दरों के मोर्चे पर कुछ राहत दे सकता है.

-इनपुट भाषा से

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