ग्लोबल रेंटिग एजेंसी मूडीज ने मानसूनी बारिश के चलते आज 2015 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.5 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. मूडीज ने इसके अलावा सरकारी सुधार योजना की धीमी गति के कारण ग्रोथ में होने वाले रिस्क के प्रति भी आगाह किया है.
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2015-16 में कहा हमने मानसून सत्र में औसत से कम बारिश के चलते सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर करीब सात प्रतिशत कर दिया हालांकि मौसम की शुरुआत में उतनी बारिश नहीं हुई जितनी कि संभावना थी.
आर्थिक हालात में सुधार की उम्मीद
मूडीज का ये भी मानना है कि रिफॉर्म की रफ्तार तेज होने पर आर्थिक हालात बेहतर होंगे. कमोडिटी में गिरावट से ग्रोथ आउटलुक बेहतर नजर आ रही है. साथ ही महंगाई आरबीआई के लक्ष्य के दायरे में रहने की उम्मीद है.
2016 में 7.5 फीसदी GDP ग्रोथ का अनुमान
रेटिंग एजेंसी ने 2016 के लिए ग्रोथ का अनुमान 7.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. एजेंसी ने बताया कि सुधार प्रक्रिया का धीमा होना हमारे अनुमान के लिए एक रिस्क है.
घरेलू और विदेशी निवेश बढ़ेगा
मूडीज ने कहा कि आर्थिक गतिविधि सुधार की गति के आधार पर बढ़ती रहेगी जिससे घरेलू और विदेशी निवेश प्रोत्साहित होगा. रिपोर्ट के मुताबिक उपभोग में वृद्धि से आय बढ़ोतरी में मदद मिलेगी क्योंकि मुद्रास्फीति काफी कम रह गई है और यहां युवाओं की संख्या ज्यादा है.