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खरीफ सीजन की बुवाई 992 लाख हेक्टेयर के ऊपर पहुंची

खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई का रकबा 992.76 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. पिछले साल 19 अगस्त तक बुवाई का रकबा महज 938.57 लाख हेक्टेयर था. यानी इस बार खरीफ फसलों की बुवाई अबतक 54.19 लाख हेक्टेयर ज्यादा रही है.

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जोरदार बारिश बनी मददगार
जोरदार बारिश बनी मददगार

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खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई का रकबा 992.76 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. पिछले साल 19 अगस्त तक बुवाई का रकबा महज 938.57 लाख हेक्टेयर था. यानी इस बार खरीफ फसलों की बुवाई अबतक 54.19 लाख हेक्टेयर ज्यादा रही है.

खरीफ फसलों की जोरदार बुवाई के पीछे इस बार हो रही अच्छी बारिश को जिम्मेदार माना जा रहा है. जुलाई के बाद अगस्त में हो रही झमाझम बारिश से देश भर में किसानों के चेहरे खिले हुए हैं और ज्यादातर इलाकों में फसलों की बुवाई बढ़-चढकर की जा रही है.

दाल के बुवाई रकबे में बढ़ोतरी
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार दलहन के बुवाई रकबे में जोरदार बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले साल 19 अगस्त तक दालों की बुवाई 100.57 लाख हेक्टेयर रकबे में हुई थी. लेकिन चालू खरीफ सीजन में इस बार दलहन फसलों का बुवाई रकबा 136.04 लाख हेक्टेयर रहा है. यानी दाल के बुवाई रकबे में तकरीबन 36 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी हुई है. जानकारों के मुताबिक देश में दाल की बढ़ी हुई कीमतों के चलते इस बार किसान दलहनी फसलों की बुवाई की तरफ आकर्षित हुआ है और अच्छे मॉनसून ने इस बार किसानों का पूरा साथ दिया है. दालों की फसल के रकबे में हुई बढ़ोतरी का सीधा सा मतलब है कि इस बार दाल का उत्पादन बढ़ेगा. इससे आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में गिरने की पूरी संभावना नजर आ रही है.

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गन्ने के बुवाई रकबे में गिरावट
धान की मानसून पर खासी निर्भरता है और झमाझम बारिश का असर इस बार धान की बुवाई पर पूरी तरह से नजर आ रहा है. देश में धान की बुवाई का रकबा पिछले साल के 334.26 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 346.38 लाख हेक्टेयर रहा है. यानी धान उत्पादक राज्यों में रकबे में बढ़ोतरी है. मोटे अनाजों की खरीफ बुवाई भी इस बार पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 12.51 लाख हेक्टेयर बढ़कर 180.20 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है. सरसों और मूंगफली जैसी तिलहन फसलों का बुवाई रकबा भी खरीफ सीजन के दौरान पिछले साल के मुकाबले 7 लाख हेक्टेयर बढ़कर 175.49 लाख हेक्टेयर हो गया है. देश भर में गन्ने की फसल की बात करें तो इसका बुवाई रकबा कमोबेश पिछले साल के मुकाबले 4.05 लाख हेक्टेयर घटकर 45.55 लाख हेक्टेयर रहा है. गन्ने के बुवाई रकबे में गिरावट की वजह इस बार किसानों का भुगतान समय पर न हो पाना बताया जा रहा है.

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