लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए एक अभियान का ऐलान किया था. इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान नाम दिया गया. सरकार के इस अभियान को लोगों का समर्थन मिल रहा है. करीब 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का मानना है कि सरकार का ये अभियान काफी सही वक्त का और कारगर है. हालांकि, 35 फीसदी से ज्यादा लोग ये भी कह रहे हैं कि भारत इस कैंपेन के लिए क्षमतावान नहीं है.
53 फीसदी लोग अभियान से खुश
दरअसल, मूड ऑफ द नेशन जानने के लिए आजतक ने कर्वी इनसाइट्स लिमिटेड के साथ मिलकर एक सर्वे किया है. इस सर्वे में देश का मिजाज समझने की कोशिश की गई है. इस सर्वे से पता चलता है कि 53 फीसदी लोग आत्मनिर्भर भारत अभियान से खुश हैं जबकि 38 फीसदी लोगों को इस पर भरोसा नहीं है.
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वहीं, नौ फीसदी लोगों ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया है. अहम बात ये है कि दक्षिण और पश्चिम से इस कैंपेन को सबसे ज्यादा समर्थन मिला है.
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क्या है आत्मनिर्भर अभियान?
दरअसल, आत्मनिर्भर अभियान के तहत सरकार ने करीब 21 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. इस पैकेज का ऐलान देश को संबोधित करते हुए खुद पीएम मोदी ने किया था. पीएम मोदी ने बताया कि यह पैकेज देश की जीडीपी का 10 फीसदी है. इस पैकेज के तहत एमएसएमई समेत अन्य सेक्टर को कर्ज देकर कारोबार शुरू करने और आत्मनिर्भर बनाने की पहल की जा रही है. वहीं, पावर, रियल एस्टेट समेत अन्य सेक्टर को भी सरकार की ओर से मदद की जा रही है.