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देश का मिजाज: 60 फीसदी लोग मानते हैं कांग्रेस शासन से बेहतर है मोदीराज में इकोनॉमी

आजतक और कार्वी इनसाइट्स के देश का मिजाज सर्वे से लगता है कि अर्थव्यवस्था की तमाम चुनौतियों के बावजूद मोदी सरकार की लोकप्रियता और बढ़ी है. सर्वे में शामिल 60 फीसदी लोग यह मानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था कांग्रेस शासन से बेहतर है.

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मोदी सरकार में ज्यादातर लोगों को भरोसा (फोटो: PIB)
मोदी सरकार में ज्यादातर लोगों को भरोसा (फोटो: PIB)

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भारतीय अर्थव्यवस्था मुश्किल में है. लगभग सभी आर्थ‍िक संकेतक अर्थव्यवस्था के लिए चिंता पैदा करने वाले हैं, लेकिन आजतक द्वारा किए गए 'देश का मिजाज' सर्वे में शामिल 60 फीसदी लोग यह मानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था कांग्रेस शासन से बेहतर है. ज्यादातर लोगों का यह भी मानना है कि 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के पीएम मोदी द्वारा तय लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. यही नहीं, इस साल जनवरी के मुकाबले इस मामले में मोदी सरकार की लोकप्रियता और बढ़ी है.

आजतक के 'देश का मिजाज' (MOTN) सर्वे से लगता है कि अर्थव्यवस्था की तमाम चुनौतियों के बावजूद मोदी सरकार की लोकप्रियता और बढ़ी है. सर्वे में शामिल 60 फीसदी लोग यह मानते हैं कि मोदी सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार से बेहतर है. इसके पहले आजतक द्वारा जनवरी में किए गए सर्वे से 11 फीसदी ज्यादा लोग इस बार यह मान रहे हैं कि अर्थव्यवस्था पहले से बेहतर हुई है.

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आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने इस सर्वे के लिए 12,126 लोगों से साक्षात्कार किया, जिसमें 67 फीसदी साक्षात्कर ग्रामीण और 33 फीसदी शहरी लोग शामिल थे. इस सर्वे में देश के 19 राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्रों और 194 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया. यह सर्वे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने से पहले कराया गया था.

5 ट्रिलियन की इकोनॉमी पर 70 फीसदी लोगों को भरोसा

अर्थव्यवस्था की तमाम चुनौतियों के बावजूद सर्वे में शामिल 70 फीसदी लोगों को इस बात का पूरा भरोसा है कि साल 2025 तक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा. हालांकि, 35 फीसदी लोगों का यह भी कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार को उन सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में किया है. 

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आय और बचत में सुधार

सर्वे में शामिल 45 फीसदी लोग मानते हैं कि उनकी आय और बचत में सुधार हुआ है. ऐसा मानने वाले पिछले सर्वे के मुकाबले 5 फीसदी ज्यादा हैं. सर्वे में शामिल 66 फीसदी लोग यह मानते हैं कि 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बेहतरीन खाका पेश किया है.

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गौरतलब है कि हाल के महीनों में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई बुरी खबरें आई हैं. देश के करीब 8.3 लाख करोड़ रुपये के ऑटो सेक्टर में भारी गिरावट देखी गई है. इस सेक्टर में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करीब 3.2 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है. देश का कारखाना उत्पादन (IIP) जून 2019 में घटकर 2 फीसदी तक आ गया है, जबकि जून 2018 में यह सात फीसदी तक था.

अर्थव्यवस्था की यह गिरावट सभी सेक्टर में देखी जा रही है. जून, 2019 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़त घटकर महज 1.2 फीसदी रह गई है, जबकि जून 2018 में यह 6.5 फीसदी थी. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने हाल में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए देश की जीडीपी बढ़त के अनुमान को 7.1 से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है.

यहां तक कि सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले कृषि क्षेत्र की भी हालत खराब है. वित्त वर्ष 2018-19 में कृषि और संबंधित क्षेत्र में वृद्धि दर महज 2.7 फीसदी रही है, जबकि साल 2017-18 में बढ़त दर 5 फीसदी थी.

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