भारत के बैंकों के परिचालन वातावरण में कोई बदलाव नहीं होगा. लेकिन आर्थिक सुस्ती इस क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगी. यह बात सोमवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की रिपोर्ट में कही गई है.
मूडीज की रिपोर्ट 'इंडियन बैंकिंग सिस्टम आउटलुक' में बताया गया है कि है कि देश का आर्थिक विकास पूर्व वर्षों के मुकाबले कमजोर रहेगा, जबकि बैंक गैर-निष्पादित कर्ज (एनपीए) के दौर से रिकवरी कर रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 'देश के समष्टिगत कारकों में स्थिरता के बावजूद एनबीएफआई पर दबाव के कारण आर्थिक विकास में बाधा बनी रहेगी.' रिपोर्ट में कहा गया है कि एनबीएफआई क्षेत्र के संकटग्रस्त होने और आर्थिक सुस्ती रहने से संपत्ति गुणवत्ता में सुधार प्रभावित होगा.
कॉरपोरेट क्षेत्र की वित्तीय सेहत में सुधार और कर्ज की समस्या के दौर से रिकवरी होने से गैर-वित्तीय कॉरपोरेट क्षेत्र में नया एनपीए बनने की दर घटेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहरी पूंजी से बैंकों को अपने पूंजी अनुपात को बनाए रखने में मदद मिलेगी.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम का लाभ बढ़ेगा लेकिन इसकी दर कमजोरी रहेगी.