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मूडीज को भरोसा- Airtel के पास 5 अरब डॉलर का बकाया चुकाने की क्षमता

मूडीज के मुताबिक प्राइवेट सेक्‍टर की टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के पास 5 अरब डॉलर के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR)को चुकाने की वित्तीय क्षमता है.

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AGR बकाये की वजह से मुश्किल में टेलीकॉम कंपनियां
AGR बकाये की वजह से मुश्किल में टेलीकॉम कंपनियां

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  • एयरटेल पर पांच अरब डॉलर से अधिक बकाया
  • एयरटेल ने 10,000 करोड़ का भुगतान कर दिया

देश की दिग्‍गज टेलीकॉम कंपनियां सरकार के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) का बकाया चुकाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. AGR बकाये की वजह से टेलीकॉम कंपनियों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है. इस बीच, मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने कहा है कि भारती एयरटेल के पास 5 अरब डॉलर के बकाये को चुकाने की वित्तीय क्षमता है.

क्‍या कहा मूडीज ने?

मूडीज ने कहा कि भारती एयरटेल पर एजीआर के पिछले बकाया की देनदारी 35,300 करोड़ रुपये (पांच अरब डॉलर) की है. हालांकि, दूरसंचार कंपनी इसका अंतिम आंकड़ा निकालने के लिए स्व-आकलन कर रही है. मूडीज ने कहा कि 35,300 करोड़ रुपये के नकद भुगतान से भारती एयरटेल की कर्ज की गुणवत्ता पर कोई उल्लेखनीय प्रभाव नहीं पड़ेगा. अगर कंपनी को मूल राशि और ब्याज मिलाकर 25,200 करोड़ रुपये का ही भुगतान करना पड़ता है तो मौजूदा रेटिंग में उसकी स्थिति संतोषजनक रहेगी.

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1.47 लाख करोड़ का बकाया

दरअसल, AGR बकाये में टेलीकॉम कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये चुकाने हैं. इसमें वोडाफोन-आइडिया को 53 हजार करोड़, भारती एयरटेल पर 35 हजार करोड़, टाटा टेलिसविर्सिज को 13,800 करोड़ और बीएसएनएल को 4,989 करोड़ देने हैं. इस बकाये में एयरटेल ने 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. जबकि वोडाफोन-आइडिया ने भी 3500 करोड़ रुपये दिए हैं. अधिकतर टेलीकॉम कंपनियों को पूरा भुगतान 17 मार्च तक करना है.

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बता दें कि संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिए जाने वाले यूजेज और लाइसेंसिंग फीस को एजीआर कहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों से 23 जनवरी 2022 तक बकाया चुकाने को कहा था. हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों ने ऐसा नहीं किया. इसके बाद कोर्ट की सख्‍ती के बाद कंपनियां अब बकाया चुका रही हैं.

कोरोना पर मूडीज ने क्‍या कहा?

मूडीज एनालिटिक्स का मानना है कि अगर कोरोना वायरस एक महामारी का रूप लेता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के घेरे में आ सकती है. मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार अब इटली और कोरिया में भी हो चुका है. ऐसे में इसके महामारी का रूप लेने की आशंका बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने चीन की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका दिया है. अब यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन चुका है. 

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