केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा है कि घर बनाने के लिए ग्रामीणों को मिलने वाली वित्तीय सहायता को दोगुना किया जाना चाहिए, क्योंकि फिलहाल दी जाने वाली 70 हजार रुपये की सहायता पर्याप्त नहीं है.
मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आवास मिशन (ग्राम) पर तैयार किए गए एक पत्र में कहा गया है कि यह राशि 1.5 लाख रुपये होनी चाहिए. ग्राम पर चर्चा में कहा गया है कि वर्तमान में दी जाने वाली सहायता अपर्याप्त है. सहायता को बढ़कार 1.5 लाख रुपये किए जाने की आवश्यकता है और इसी तरह मैदानी इलाकों, पर्वतीय इलाकों में थोड़ी ऊंचाई वाले इलाकों में शौचालय को मकान का अभिन्न हिस्सा बनाया जाना चाहिए.
ग्राम, इंदिरा आवास योजना का ही फिर से दिया गया नाम है. अभी मकान बनाने के लिए ग्रामीणों को 70 हजार रुपये (मुश्किल इलाकों में 75 हजार रुपये) की सहायता दी जा जाती है. मजबूत और ऐसा मकान बनाए जाने की आश्यकता पर जोर दिया गया है, जो ग्रामीण इलाकों में कम से कम 30 साल तक मौमस के प्रभावों को झेल सकें.