कर्ज की किस्तें चुकाने में जानबूझकर चूक करने वाले यानी विलफुट डिफॉल्टर के 1800 से अधिक निकायों के ऊपर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. इनमें विनसम डायमंड ऐंड ज्वैलरी,गीतांजलि जेम्स और एबीजी शिपयार्ड आदि शामिल हैं.
घोटाले से परेशान बैंक
गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को कई बार लोन घोटाले का सामना करना पड़ा है. हाल में बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) को दिए 3,688.58 करोड़ रुपये के लोन को फ्रॉड घोषित किया है. इसके पहले नीरव मोदी और मेहुल चोकसी बैंक को 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा चुके हैं.
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मेहुल चोकसी की कंपनी पहले स्थान पर
पीएनबी की वेबसाइट पर डाली गयी जानकारियों के अनुसार, जून महीने के अंत तक कर्ज नहीं चुका रहे ऐसे 1,787 के ऊपर 37,020.27 करोड़ रुपये बकाये हैं. इस सूची में 25 लाख रुपये या इससे अधिक के बकायेदार हैं. इस सूची में पहले स्थान पर मेहुल चोकसी प्रवर्तित गीतांजलि जेम्स लिमिटेड है, जिसके ऊपर 5,064.84 करोड़ रुपये बकाया है. गीतांजलि समूह की ही कंपनियों गिली इंडिया और नक्षत्र ब्रांड्स के ऊपर बैंक का क्रमश: 1,447 करोड़ रुपये और 1,109 करोड़ रुपये बकाया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जतिन मेहता प्रवर्तित विनसम डायमंड ऐंड ज्वैलरी लिमिटेड पर बैंक का 1,036.85 करोड़ रुपये का बकाया है, जबकि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के ऊपर बकाया 1,193.37 करोड़ रुपये है. इनके अलावा चंडीगढ़ स्थित रसायन निर्माता कंपनी कुडोस केमी लिमिटेड उन कंपनियों में शामिल है, जिनके ऊपर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक बाकी है. इस कंपनी के ऊपर पीएनबी का 1,418 करोड़ रुपये का बकाया है.
ये हैं अन्य बड़े डिफॉल्टर
ऐसे अन्य बड़े डिफॉल्टरों में विजय माल्या प्रवर्तित किंगफिशर एयरलाइंस पर 522.48 करोड़ रुपये, जूम डेवलपर्स पर 702 करोड़ रुपये, जस इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड पावर लिमिटेड पर 453.96 करोड़ रुपये और स्टर्लिंग ग्लोबल ऑयल रिसोर्सेज लिमिटेड के ऊपर 755 करोड़ रुपये बकाया हैं.
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एनपीए में सुधार
इन सभी कंपनियों को पीएनबी ने बैंकों के एक कंशोर्टियम के तहत कर्ज दिया था. हालांकि मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में बैंक की सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) कुल वितरित कर्ज के मार्च 2019 में 15.50 फीसदी के मुकाबले कम होकर 14.21 फीसदी पर आ गयीं. शुद्ध एनपीए भी इस दौरान 6.56 फीसदी से कम होकर 5.78 फीसदी पर आ गयीं.
आंकड़ों के हिसाब से इस दौरान सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए कम होकर क्रमश: 73,478.76 करोड़ रुपये और 27,218.89 करोड़ रुपये पर आ गयीं. परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के परिणामस्वरूप एनपीए को लेकर किया जाने वाला प्रावधान साल भर पहले के 9,153.55 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग आधा होकर 4,618.27 करोड़ रुपये पर आ गया.