विशाल सिक्का के इस्तीफे देने के बाद लगातार सवाल उठ रहा है कि आखिर इंफोसिस की कमान कौन संभालेगा. कहा जा रहा है कि इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी एक बार फिर कंपनी के अध्यक्ष बन सकते हैं. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. इस चर्चा के बीच नीलेकणी ने अपना अमेरिका दौरा भी रद्द कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के कई शेयरहोल्डरों ने बोर्ड को पत्र लिखकर इसकी मांग की है. उनका कहना है कि नीलेकणी पहले भी ये जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. और उनपर कर्मचारी, ग्राहक और शेयरहोल्डर तीनों का भरोसा भी है. नंदन नीलेकणी इससे पहले 2002 से 2007 तक कंपनी के CEO रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में कंपनी का शेयर 5 गुना तक बढ़ा था. वहीं नीलेकणी को दोबारा इंफोसिस की कमान दिए जाने की खबरों से कंपनी के स्टॉक में 3% तेजी दर्ज की गई है.
पूर्व चेयरमैन एन.आर. नारायणमूर्ति बुधवार की शाम ग्लोबल इन्वेस्टर्स के साथ बात करने वाले थे, लेकिन खराब सेहत का हवाला देते हुए उन्होंने इसे 29 अगस्त तक टाल दिया है. सूत्रों का कहना है कि नीलेकणी के नाम पर चर्चा शुरू होने के कारण ही मूर्ति ने कॉन्फ्रेंस कॉल टाली है.
इंफोसिस से इस्तीफे में फंसा सिक्का का 60 करोड़ रुपये
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह ही देश की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी इंफोसिस के CEO-MD पद से विशाल सिक्का ने इस्तीफा दे दिया था. विशाल की जगह प्रवीण राव को अंतरिम CEO-MD बनाया गया है. इसके साथ की विशाल सिक्का को कंपनी के एक्जिक्यूटिव वाइस-चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया था.
विशाल सिक्का का इंफोसिस सफरः अच्छा काम जब विवाद बन गया
गौरतलब है कि विशाल सिक्का का इस्तीफा कंपनी की पोर्ड मीटिंग से ठीक एक दिन पहले आया था. इस बोर्ड मीटिंग में इंफोसिस को कंपनी के शेयर्स बायबैक पर अहम फैसला करना था. इस्तीफे की खबर आते ही भारतीय शेयर बाजार पर कंपनी के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली. कंपनी के शेयर 7.49% फीसदी लुढ़ककर 965 रुपये पर पहुंच गए थे. वहीं इस खबर के असर से प्रमुख सेंस्टिव इंडेक्स सेंसेक्स 0.58 फीसदी की गिरावट के साथ 185 अंक नीचे चला गया था.