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नंदन नीलेकणि इंफोसिस के चेयरमैन नियुक्त, शेषसायी-वेंकटेशन का इस्तीफा

आधार परियोजना को लेकर चर्चा में रहे नीलेकणि मार्च 2002 से अप्रैल 2007 तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे. उसके बाद वह केंद्र सरकार के भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई के प्रमुख बनाये गये.

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इंफोसिस के संस्थापकों में से एक नंदन नीलेकणि को चेयरमैन नियुक्त किया गया है.
इंफोसिस के संस्थापकों में से एक नंदन नीलेकणि को चेयरमैन नियुक्त किया गया है.

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नेतृत्व के संकट से जूझ रही देश की दूसरी बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इंफोसिस टेक्नोलॉजी ने अपने निदेशक मंडल में भारी बदलाव करते हुए अपने संस्थापकों में से एक नंदन नीलेकणि को कंपनी का चेयरमैन नियुक्त करने की गुरुवार को घोषणा की.

कंपनी के मौजूदा चेयरमैन आर. शेषसायी और को-चेयरमैन रवि वेंकटेशन ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद से इस्तीफा देने वाले विशाल सिक्का, निदेशक मंडल के सदस्य जेफरी एस. लेहमन और जॉन एचमेंडी ने भी तत्काल प्रभाव से निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है जिसे स्वीकार कर लिया गया है.

आधार परियोजना को लेकर चर्चा में रहे नीलेकणि मार्च 2002 से अप्रैल 2007 तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे. उसके बाद वह केंद्र सरकार के भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई के प्रमुख बनाये गये.

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उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह इंफोसिस के पहले गैर-संस्थापक सीईओ विशाल सिक्का ने कंपनी के संस्थापक-प्रवर्तकों के साथ संबंध बिगड़ने के चलते अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया. कंपनी के 12 कोष प्रबंधकों ने एक संयुक्त पत्र में कहा था कि हालिया घटनाक्रम काफी चिंता का विषय है.

सूत्रों के अनुसार यह पत्र अन्य लोगों के अलावा इंफोसिस के चेयरमैन को भी लिखा गया था. उन्होंने कहा था कि प्रत्येक अंशधारक चाहे वह ग्राहक हो, शेयरधारक या कर्मचारी हो, उसका नीलेकणि में विश्वास है.

 

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