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30 साल से टाटा ग्रुप में हैं नटराजन, अब समूह की साख बचाने का जिम्मा

टाटा सन्स के नए चेयरमैन पद की रेस में सबसे मजबूत नाम नटराजन चन्द्रशेखरन बनकर उभरे. साइरस मिस्त्री के हटाए जाने के बाद गुरुवार को टाटा बोर्ड ने नटराजन को टाटा सन्स का नया चेयरमैन घोषित कर दिया.

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नटराजन चन्द्रशेखरन हैं टाटा ग्रुप के पुराने वफादार
नटराजन चन्द्रशेखरन हैं टाटा ग्रुप के पुराने वफादार

टाटा सन्स के नए चेयरमैन पद की रेस में सबसे मजबूत नाम नटराजन चन्द्रशेखरन बनकर उभरे. साइरस मिस्त्री के हटाए जाने के बाद गुरुवार को टाटा बोर्ड ने नटराजन को टाटा सन्स का नया चेयरमैन घोषित कर दिया.

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53 वर्षीय चन्द्रशेखरन टीसीएस के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर है. टीसीएस टाटा समूह की फ्लैगशिप कंपनी होने के साथ-साथ 16.5 अरब डॉलर नेटवर्थ के साथ समूह की सबसे प्रभावशाली कंपनी है.

नटराजन ने टीसीएस की कमान बतौर सीईओ 2009 में संभाली. 1963 में जन्में नटराजन टाटा समूह में सबसे युवा सीईओ भी रहे हैं.

नटराजन ने नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी तिरुचिरापल्ली से एमसीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1987 में टाटा समूह के साथ जुड़े थे. नटराजन के नेतृत्व में टीसीएस टाटा समूह की सबसे बड़ी कंपनी बनने में कामयाब हुई थी. आज नटराजन की कोशिशों से टीसीएस देश के निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा एम्प्लॉयर बनी.

नोएल के अलावा यूनीलीवर के हरीश मनवानी, हाथवे बर्कशायर के अजीत जैन, सिटी के पूर्व प्रमुख विक्रम पंडित और पेप्सिको की सीईओ इंद्रा नूई भी टाटा सन्स के नए चेयरमैन की रेस में हैं. इसमें से ज्यादातर लोग उस वक्त भी इस पद की रेस में थे जब रतन टाटा ने सभी कयासों को नकारते हुए साइरस मिस्त्री को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया था.

गौरतलब है कि अक्टूबर 2016 में 5 सदस्यीय सिलेक्शन पैनल बनाया गया था जिसका काम चेयरमैन पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन करना था. रतन टाटा के अलावा इस पैनल में टीवीएस चेयरमैन वेनू श्रीनिवासन, बेन कैपिटल के अमित चंद्रा, पूर्व राजदूत रोनेन सेन और वॉरविक यूनिवर्सिटी के कुमार भट्टाचार्या शामिल थे. भट्टाचार्या को छोड़कर पैनल के सभी सदस्य टाटा सन्स बोर्ड में भी शामिल हैं.

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