अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के लिए अच्छी खबर आई है. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. एनसीएलएटी ने आरकॉम की सब्सिडिरीज रिलायंस इन्फ्राटेल व रिलायंस टेलिकॉम के खिलाफ भी इस मामले में रोक लगा दी है.
एनसीएलएटी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को अपनी संपत्ति रिलायंस जियो को बेचने की प्रक्रिया शुरू करने को भी मंजूरी दे दी है. इससे कर्ज में डूबी आरकॉम को बड़ी राहत मिली है.
बता दें कि एनसीएलटी ने स्वीडिश कंपनी एरिक्सन की आरकॉम और इसकी सब्सिडरी कंपनियों के खिलाफ दर्ज की गई बैंकरप्सी प्रोसीडिंग की याचिका को पहले स्वीकार कर लिया था. एरिक्शन ने यह याचिका 2014 में कंपनी के साथ साइन की गई 7 साल की एक डील को लेकर की थी.
इस डील के तहत उसने रिलायंस कम्युनिकेशंस का नेशनवाइड टेलीकॉम नेटवर्क संभालने का जिम्मा हासिल किया था. हालांकि अब इस मामले में आरकॉम को थोड़ी राहत मिल गई है.
रिलायंस टेलीकॉम (Rcom) भारी कर्ज में डूबी हुई है. उस पर देश के और विदेशी बैंकों का 7 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज है. इसी कर्ज को खत्म करने के लिए अनिल अंबानी कंपनी का वायरलेस बिजनेस अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को बेचने की तैयारी कर रहे हैं. यह सौदा करीब 18,000 करोड़ रुपये का है.