नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने Go First की स्वैच्छिक दिवाला सामाधान प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है. साथ ही NCLT ने उधारदाताओं की वसूली से भी गो फर्स्ट को संरक्षण प्रदान किया है. हालांकि, NCLT ने GoFirst को कार्यवाही की शुरुआती लागत के लिए IRP के साथ 5 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा है.
दरअसल, गो फर्स्ट एयरलाइंस आर्थिक संकट से जूझ रही है. कंपनी की उड़ानें 19 मई तक रद्द कर दी गई हैं. इससे पहले गो फर्स्ट की ओर से खुद एनसीएलटी (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (Voluntary Insolvancy Proceedings) के लिए आवेदन दिया गया था. इसे एनसीएलटी ने स्वीकार कर लिया है. साथ ही एनसीएलटी ने अभिलाष लाल को आईआरपी (Interim Resolution Professional) नियुक्त किया है.
NCLT ने Go First की अपील को स्वीकार करते हुए अपने आदेश में कहा है कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने के लिए आईआरपी को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए. बता दें एयरलाइंस ने बीते 2 मई को बयान जारी कर अचानक 3 से 5 मई तक के लिए अपनी सभी उड़ानें कैंसिल की थीं, फिर इसे 12 मई तक बढ़ा दिया था. अब Go First की ओर से 19 मई तक सेवाएं बंद रखने की जानकारी दी गई है.
दिवालिया होने की कगार पर एयरलाइंस
कंपनी के वेबसाइट के मुताबिक एयरलाइनंस के बेड़े में 61 विमान हैं. इनमें 56 ए320 नियो और पांच ए320सीइओ हैं. कंपनी के ऐसे समय में पैसेंजर रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है जब महामारी के बाद एयर ट्रैफिक में तेज बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. रिपोर्ट की मानें तो वाडिया ग्रुप की एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है. कंपनी ने एनसीएलटी (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (Voluntary Insolvancy Proceedings) के लिए एप्लिकेशन भी दे दी है.
क्यों संकट में कंपनी ?
Go First की ओर से कहा गया है कि ऑपरेशनल कारणों से एयरलाइंस की फ्लाइट्स को कैंसिल किया गया है. सीईओ कौशिक खोना ने इस संबंध में कहा है कि एयरलाइंस को इंजन मुहैया कराने वाली अमेरिकी फर्म प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) की ओर से सप्लाई रोकने की वजह से आज एयरलाइन के समक्ष यह संकट पैदा हुआ है. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा है कि गो फर्स्ट मैनेजमेंट इस संकट की स्थिति से निपटने के लिए भी उचित कदम उठा रही है और हमें कर्मचारियों की चिंता है.