नोटबंदी लागू हुए 50 दिन पूरे हो चुके हैं. 500 और 1000 रुपये की पुरानी करेंसी को जमा कराने का आज आखिरी दिन भी है. इनके बीच बीते 50 दिनों से देश को कैशलेस व्यवस्था की ओर ले जाने की दिशा में आंकड़े कह रहे हैं कि नवंबर में प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल से पेमेंट की गई कुल रकम में 31 फीसदी गिरावट दर्ज हुई है. ऐसा भी तब है जब नोटबंदी के 50 दिनों तक देश में कार्ड ट्रांजैक्शन पर लगने वाले सभी चार्ज हटा लिए गए थे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 50 दिनों में आम आदमी की दिक्कतों को दूर करने की मियाद का भी आज आखिरी दिन है. इसके बावजूद बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लंबी कतार अभी खत्म होती नहीं दिख रही है. रिजर्व बैंक के इंटरनल रिव्यू के आधार पर कहा जा रहा है कि देशभर के बैंकों ने केन्द्रीय बैंक से पर्याप्त करेंसी न मिल पाने की बात कही है.
नवंबर के आंकड़े
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रिसर्च आंकड़ों के मुताबिक नवबंर में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर पेमेंट की गई कुल रकम में 31 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. इस गिरावट से इन प्वाइंट ऑफ सेल टर्मिनल पर सीधे खरीदारी महज 35,240 करोड़ रुपये की हुई है. प्वाइंट ऑफ सेल पर खरीदारी में यह गिरावट न महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. गौरतलब है कि फरवरी 2016 में पीओएस पर कुल खरीदारी 33,600 करोड़ रुपये की हुई थी.
नए आंकड़ों के मुताबिक 13 दिसंबर 2016 तक भी पीओएस पर खरादारी कमजोर रही और इन 13 दिनों में महज 18,130 करोड़ रुपये की खरीदारी की गई. वहीं पीओएस पर नवंबर में कुल खरीदारी में गिरावट की तर्ज पर ही प्रति व्यक्ति खरीदारी अक्टूबर के 2,229 रुपये से गिरकर 1,714 रुपये पर पहुंच गई.
अक्टूबर के आंकड़े
रिजर्ब बैंक के अक्टूबर के आंकड़े कहते हैं कि देश में कुल 94.2 करोड़ कार्ड थे. इस महीने में डेबिट कार्ड धारकों ने लगभग 2.63 लाख करोड़ रुपये का कुल ट्रांजैक्शन किया है. हालांकि इसमें लगभग 92 फीसदी डेबिट कार्ड का इस्तेमाल एटीएम से कैश निकालने के लिए किया गया. महज 8 फीसदी कार्ड का इस्तेमाल प्वाइंट ऑफ सेल टर्मिनल पर सीधे खरीदारी करने के लिए किया गया था. अक्टूबर महीने में पीओएस पर कुल खरीदारी 51,116 करोड़ रुपये की हुई थी.
अगस्त के आंकड़े
रिजर्व बैंक के अगस्त के आंकड़े कहते हैं कि देश में कुल 71.25 करोड़ डेबिट कार्ड थे. ये डेबिट कार्ड्स कुल 75.67 करोड़ बार एटीएम कार्ड पर इस्तेमाल किए गए. वहीं इन डेबिट कार्ड से 13 करोड़ ट्रांजैक्शन प्वाइंट ऑफ सेल यानी सीधे खरीदारी करने के लिए किया गया. अगस्त महीने के दौरान डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर कुल 2.19 लाख करोड़ रुपये एटीएम से निकाले गए. वहीं सिर्फ 18.37 हजार करोड़ रुपये से सीधे खरीदारी की गई.
मोबाइल पेमेंट महज मजबूरी
नवंबर में नोटबंदी के बाद डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट में यदि 31 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है हकीकत यही है कि इस दौरान इन कार्ड का इस्तेमाल एटीएम से कैश निकालने के लिए किया गया है. हालांकि अभी रिजर्व बैंक ने नवंबर और दिसंबर का एटीएम से कैश निकासी का वास्तविक आंकड़ा जारी नहीं किया है. इंडिया टुडे के संपादक आर्थिक मामलों के एक्सपर्ट अंशुमान तिवारी का मानना है कि जनवरी के पहले हफ्ते तक आने वाले इन आंकड़ों से साफ हो जाएगा कि डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने के आंकड़े कई गुना ज्यादा दर्ज हुए हैं. अंशुमान तिवारी के मुताबिक नोटबंदी के दौरान नवंबर में मोबाइल पेमेंट में लगभग 10 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. हालांकि इसकी तुलना पीओएस पर हुए ट्रांजैक्शन में 31 फीसदी गिरावट से नहीं की जा सकती. उनके मुताबिक मोबाइल पेमेंट में इस इजाफे का साफ मतलब है कि कैश की कमी के चलते कुछ लोगों ने मोबाइल पेमेंट का सहारा लिया, जबकि ज्यादातर लोगों को अभी भी कैश पर भरोसा है लिहाजा उन्होंने क्रेडिट और डेबिट कार्ड की मदद से एटीएम विड्रॉवल पर ज्यादा जोर दिया.