scorecardresearch
 

इनकम टैक्स में भी GST जैसे सुधार की तैयारी, टैक्सपेयर्स को होगा फायदा

डायरेक्ट टैक्स कोड के जरिए केन्द्र सरकार देश के मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 को बदलने का काम करेगी. इस कोड के जरिए 50 साल से अधिक समय से चले आ रहे इनकम टैक्स कानून की जगह नए कानून को लाया जाएगा.

Advertisement
X
तैयार हो रहा इनकम टैक्स का नया कानून
तैयार हो रहा इनकम टैक्स का नया कानून

Advertisement

वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पना के साथ पूरे देश में अप्रत्यक्ष करों के लिए जीएसटी लागू करने के बाद अब केन्द्र सरकार प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) ढ़ांचे में बड़ा बदलाव कर इनकम टैक्स नियमों को दुरुस्त करने की तैयारी में है. इस तैयारी के लिए केन्द्र सरकार ने 6 सदस्यीय कमेटी का गठन करते हुए इनकम टैक्स एक्ट 1961 में बड़े सुधार करते हुए देश को नया इनकम टैक्स कानून (डायरेक्ट टैक्स कोड) देने के लिए हरी झंडी दे दी है.

क्या है डायरेक्ट टैक्स कोड?

डायरेक्ट टैक्स कोड के जरिए केन्द्र सरकार देश के मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 को बदलने का काम करेगी. इस कोड के जरिए 50 साल से अधिक समय से चले आ रहे इनकम टैक्स कानून की जगह नए कानून को लाया जाएगा. इनकम टैक्स का नया कानून देश की मौजूदा जरूरतें और कमाई के ढ़ांचे को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा.

Advertisement

गौरतलब है कि 2009 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा तैयार डायरेक्ट टैक्स कोड को 2010 में उस वक्त वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी संसद में लाए थे. संसद ने उस वक्त इस कोड को विशेष चर्चा के लिए संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सुपुर्द कर दिया था. जिसके बाद संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने नए टैक्स कोड का प्रस्तावित बिल संसद के सामने पेश किया था. लेकिन 2014 में नई सरकार के गठन के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2014 के साथ नए बिल को संसद में पेश और 2015 में इसे वापस ले लिया था.

इसे भी पढ़ें: नहीं भरते इनकम टैक्स, फिर भी कराएं PAN, AADHAR लिंक

डायरेक्ट टैक्स कोड की खास बात

डायरेक्ट टैक्स कोड में दिए प्रस्तावों के मुताबिक इनकम टैक्स पर दी जाने वाली सभी रियायतों को हटा लिया जाए. हालांकि एक न्यूनतम एनुअल इनकम तक दी जाने वाली टैक्स रियायत को जारी रखने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके साथ ही नए टैक्स कोड में मौजूदा कानून में टैक्स स्लैब की संख्या को कम करने का प्रस्ताव शामिल है. वहीं डायरेक्ट टैक्स कोड अलग-अलग टैक्स स्लैब में टैक्स दर में भी बदलाव को शामिल किया गया है. गौरतलब है कि इस डायरेक्ट टैक्स कोड के जरिए देश में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को बेहद सरल करते हुए आम आदमी पर इनकम टैक्स के बोझ को कम करने की कोशिश भी की जाएगी.

Advertisement

नया कानून बनाने में अरविंद मोदी और अरविंद सुब्रमणियम की अहम भूमिका

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी के सदस्य अरविन्द मोदी इसके संयोजक होंगे. मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम इस कार्यबल में स्थायी रूप से विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. प्रत्यक्ष करों के मामले में नया कानून तैयार करने की सरकार की यह पहल नरेन्द्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश होने से पहले की गई है. कार्यबल के अन्य सदस्यों में ई वाई के अध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रबंध भागीदार राजीव मेमानी, चार्टर्ड एकाउटेंट गिरीश आहुजा, इक्रियर की सलाहकार मानसी केडिया, कर मामलों के जानकार अधिवक्ता मुकेश पटेल तथा सेवानिवृत्त भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी जी सी श्रीवास्तव शामिल हैं.

जानें अपना मौजूदा टैक्स ढांचा

मौजूदा टैक्स नियमों के मुताबिक देश में 2.5 लाख रुपये तक की एनुअल इनकम को टैक्स से मुक्त रखा गया है. पिछले बजट के जरिए केन्द्र सरकार ने 10 फीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म करते हुए महिला टैक्सपेयर के लिए अतिरिक्त छूट का ऐलान किया था.

इनकम स्लैब                टैक्स दर (फीसदी)

2.50 लाख रुपये                शून्य

2.50 से 5.00 लाख रुपये         5

5.00 से 10 लाख रुपये           20

10 लाख रुपये से अधिक          30

Advertisement

इस टैक्स स्लैब और टैक्स दर के अलावा मौजूदा कानून के मुताबिक 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये की एनुअल इनकम पर इनकम टैक्स का 10 फीसदी बतौर सरचार्ज वसूला जाता है. वहीं एनुअल इनकम 1.50 करोड़ रुपये से अधिक होने पर टैक्स पेयर पर 15 फीसदी अतिरिक्त सरचार्ज वसूला जाता है. वहीं कुल इनकम टैक्स और देय सरचार्ज पर 3 फीसदी की दर से सेस भी वसूला जाता है.

इसे भी पढ़ें: ट्रेड फेयर को ले डूबा GST, कारोबारियों ने खाई वापस न लौटने की कसम!

वहीं मौजूदा टैक्स कानून में 60 से 80 साल आयु वर्ग में टैक्स पेयर को 3 लाख रुपये तक की एनुअल इनकम पर छूट दी जाती है. वहीं 80 साल से अधिक आयु वर्ग के टैक्सपेयर को 5 लाख रुपये की एनुअल इनकम पर छूट दी जाती है.

कैसे कम होगा आपका टैक्स बोझ

केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किए जाने वाले नए टैक्स कोड से आम आदमी को राहत मिलने की उम्मीद है. टैक्स कोड में प्रस्तावों के मुताबिक 5 लाख रुपये तक की एनुअल इनकम पर टैक्स से छूट का प्रावधान किया जा सकता है. वहीं पिछली सरकार द्वारा लाए गए टैक्स कोड में 2 से 5 लाख रुपये तक की आय पर 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया गया था. वहीं यह भी उम्मीद जताई गई है कि केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किए जाने वाले ने नए टैक्स कोड में 30 फीसदी के अधिकतम टैक्स दर को घटाकर 25 फीसदी कर दिया जाएगा. लिहाजा, इन प्रावधानों से साफ है कि नए टैक्स कोड से आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी और सभी स्लैब के टैक्सपेयर पर टैक्स का बोझ कम होगा. नए टैक्स कोड की खासबात यह भी है कि जहां टैक्सपेयर पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा वहीं केन्द्र सरकार की इनकम टैक्स से होने वाली आमदनी में इजाफा भी दर्ज होगा क्योंकि टैक्स क्षेत्र में हो रहे आर्थिक सुधारों के बाद देश में टैक्स चोरी करने नामुमकिन हो जाएगा.

Advertisement
Advertisement