भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया है. वह अब 26 अप्रैल तक जेल में रहेगा. मामले की अगली सुनवाई अब 26 अप्रैल को होगी. बता दें कि नीरव मोदी को आज वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया. नीरव मोदी की ओर से वकील आनंद दूबे ने कोर्ट में पक्ष रखा.
मामले की सुनवाई करते हुए जज ने नीरव मोदी को सशर्त जमानत देने से इंकार किया. जज ने कहा कि बैंक को काफी नुकसान हुआ है. सबूतों को नष्ट किया गया है. जज ने कहा कि मेरे विचार में यह धोखाधड़ी का बहुत ही असामान्य मामला है.
In the next hearing at London's Westminster Magistrates' court on 26 April, Nirav Modi will be produced through video conferencing. His bail application has been rejected by the Court today. (file pic) pic.twitter.com/XdM4Rg1Ehh
— ANI (@ANI) March 29, 2019
नीरव मोदी के वकील ने सशर्त जमानत के लिए तर्क दिया और अदालत के सामने कहा कि नीरव मोदी को संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर में स्थायी निवास नहीं मिला है. उनका बेटा यूएस के लिए रवाना हो गया है. वह अब अकेले अपने कुत्ते के साथ रह रहा है. बता दें कि नीरव मोदी जनवरी 2018 से ब्रिटेन में है. पासपोर्ट रद्द होने के बाद नीरव मोदी ने यात्रा नहीं की है.
नीरव मोदी अब लंदन की जेल में रहेगा, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वह अब फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेगा. सरकार के सूत्रों ने इंडिया टुडे से कहा है कि अगर नीरव मोदी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है, तो वे फिर से यह सुनिश्चित करने के लिए सबूत पेश करेंगे कि वह सलाखों के पीछे रहे.
सत्यब्रत कुमार का हुआ ट्रांसफर
वहीं नीरव मोदी के केस की जांच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक सत्यब्रत कुमार का ट्रांसफर कर दिया गया है. लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में वे भी मौजूद थे. विजय माल्या केस के जांच मामले में भी वे इन्वेस्टिगेशन अधिकारी की भूमिका निभा चुके हैं.
सत्यब्रत कुमार का कार्यकाल पूरा हो गया है. लेकिन वे इस दौरान भी कोल केस मामले की जांच में शामिल रहेंगे. DoPT के आदेश के अनुसार कोई भी अधिकारी अपने पद पर पांच साल से अधिक वक्त तक नहीं बना रह सकता. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अभी यह केस लंबित है और कोल स्कैम मामले के कुमार सुपरवाइजरी अधिकारी हैं इसलिए उन्हें इस केस को देखते रहना होगा. इस दौरान वे स्पेशल ड्यूटी के तौर पर अपनी सेवाएं देते रहेंगे.
पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी नीरव मोदी को 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार किया गया था. पीएनबी धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने 26 फरवरी को यह जायदाद जब्त की थी. आरोपी कारोबारी ने धोखाधड़ी से पीएनबी से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) के जरिए 13,500 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे. जमानत याचिका रद्द होने पर उसको 29 मार्च तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेजा गया था.