पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी के मामले में भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को बड़ा झटका लगा है. लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी की जमानता याचिका को खारिज कर दिया है. नीरव मोदी अब 26 अप्रैल तक जेल में ही रहेगा. इसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी. नीरव की रिहाई के लिए उसके वकील ने कई तर्क दिए, लेकिन उसके सारे तर्क को कोर्ट ने खारिज करते हुए उसकी जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया.
सुनवाई के दौरान वकील ने नीरव के बेटे के अकेले रहने का भी तर्क दिया. उसने अदालत के सामने कहा कि नीरव मोदी को संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर में स्थायी निवास नहीं मिला है. उनका बेटा यूएस के लिए रवाना हो गया है. वह अब अकेले अपने कुत्ते के साथ रह रहा है. नीरव मोदी के वकील के तर्क से साफ है कि वह बेटे के बहाने अपने क्लाइंट को जेल से छुड़ाना चाहता है. बता दें कि नीरव मोदी जनवरी 2018 से ब्रिटेन में है. उसको 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार किया गया था. जमानत याचिका रद्द होने पर उसको 29 मार्च तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेजा गया था.
'सबूतों को किया गया नष्ट'
शुक्रवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए जज ने कहा कि नीरव मोदी के कारण बैंक को काफी नुकसान हुआ है. सबूतों को नष्ट किया गया है. जज ने कहा कि मेरे विचार में यह धोखाधड़ी का बहुत ही असामान्य मामला है.
नीरव मोदी अब लंदन की जेल में रहेगा, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वह अब फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेगा. सरकार के सूत्रों ने इंडिया टुडे से कहा है कि अगर नीरव मोदी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है, तो वे फिर से यह सुनिश्चित करने के लिए सबूत पेश करेंगे कि वह सलाखों के पीछे रहे.
गवाह को दिया जान से मारने की धमकी
भारतीय जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुई क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने कोर्ट में कहा कि नीरव मोदी ने गवाहों को धमकाते हुए एक गवाह को जान से मारने की धमकी दी है. क्राउन सर्विस ने पीएनबी घोटाला केस के गवाह आशीष लड के फोन कॉल डिटेल्स के जरिए यह खुलासा किया है.
नीरव मोदी ने आशीष को फोन करके धमकी दी है कि अगर वह कोर्ट में उसके खिलाफ गवाही देगा तो जान से हाथ धो बैठेगा. नीरव की जमानत का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि वह कोर्ट में गवाही से पहले गवाहों को प्रभावित कर सकता है. साथ ही क्राउस एजेंसी ने कोर्ट के बताया कि नीरव कई मुल्कों की यात्रा कर चुका है. क्राउस एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी उन देशों में निवेश करके नागरिकता लेना चाहता है जिनके साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है.