scorecardresearch
 

जब साल 2018 में उद्योग जगत के ये चर्चित चेहरे बन गए 'ठग'

कहावत है कि एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है. भारतीय उद्योग जगत में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, नितिन और चेतन संदेसरा जैसे कुछ व्यापारियों ने इस कहावत को चरितार्थ किया, उनकी कारगुजारियों ने 2018 में पूरे भारतीय उद्योग जगत के सामने प्रश्न चिह्न खड़ा किया. यही नहीं, इसका असर राजनीति के क्षेत्र में भी दिखा.

Advertisement
X
इन उद्योगपतिया ने देश का नाम किया बदनाम
इन उद्योगपतिया ने देश का नाम किया बदनाम

Advertisement

कहावत है कि एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है. भारतीय उद्योग जगत में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, नितिन और चेतन संदेसरा जैसे कुछ व्यापारियों ने इस कहावत को चरितार्थ किया, उनकी कारगुजारियों ने 2018 में पूरे भारतीय उद्योग जगत के सामने प्रश्न चिह्न खड़ा किया. यही नहीं, इसका असर राजनीति के क्षेत्र में भी दिखा.

बैंकों के साथ अरबों रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में नामजद नफासत पसंद शराब कारोबारी विजय माल्या, आभूषण कारोबारी चोकसी और नीरव मोदी को देश के राजनीतिक महाभारत में भी पक्ष-विपक्ष के बीच अनवरत चलने वाले वाकयुद्ध का हथियार बनाया गया.

माल्या ने दावा किया कि वह 2016 में भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे. उनके इस बयान से राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया. जेटली ने बाद में उनके दावे को खारिज कर दिया.

Advertisement

गुजरात की दवा कंपनी स्टर्लिंग बॉयोटेक समूह के प्रवर्तक नितिन और चेतन संदेसरा का नाम भी सामने आया. ये दोनों 5000 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी और धन-शोधन अक्षमता मामले में आरोपी हैं, फिलहाल दोनों देश से फरार हैं.

उल्लेखनीय है कि लंदन की अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है. हालांकि माल्या अभी इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं. आने वाले साल में देखना होगा कि कितने कॉरपोरेट दिग्गज भगोड़ा घोषित होते हैं और क्या कानून का सामना करने के लिए वास्तव में उन्हें भारत लाया जा पाएगा.

उद्योग जगत में 2018 में फोर्टिस और रेनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक सिंह बंधु सुर्खियों में रहे, दोनों भाइयों के बीच मतभेद अब मारपीट तक पहुंच गया. दोनों ने एक-दूसरे पर मारपीट और कारोबार को डूबाने का आरोप लगाया है.

वहीं, साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने को लेकर टाटा और मिस्त्री के बीच चल रही जंग भी जारी है. यह लड़ाई अब राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ से बाहर निकलकर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की चौखट पर पहुंच गया है.

इन सभी ड्रामों के बीच भारतीय उद्योग जगत में कुछ बड़े सौदे भी हुए, इसमें वॉलमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण, हिंदुस्तान यूनिलीवर का ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन (जीएसके) के साथ विलय आदि शामिल है.

Advertisement

Advertisement
Advertisement