सरकार ने देश में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया है. कैबिनेट की बैठक के बाद बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों को इसकी जानकारी दी, लेकिन दिग्गज महिला उद्यमी किरण मजूमदार शॉ ने सवाल उठाया कि इसकी घोषणा आखिर स्वास्थ्य मंत्री ने क्यों नहीं की? शॉ ने कहा कि ऐसी घोषणा करने की जगह वित्त मंत्रालय वित्तीय उपायों की कोई घोषणा क्यों नहीं करता? निर्मला सीतारमण ने बहुत ही शांत तरीके से उन्हें ट्विटर पर जवाब दिया और समझाया कि आखिर ऐसा क्यों करना पड़ा.
फार्मा कंपनी बायोकॉन की चेयरमैन और एमडी किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट कर कहा, 'वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि ई-सिगरेट बैन हो गया है. क्या यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय से सामने नहीं आनी चाहिए थी? गुटखा कब बैन होगा? वित्त मंत्रालय अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ वित्तीय उपायों की घोषणा क्यों नहीं करता?
इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बहुत संयमित तरीके से जवाब दिया और समझाया कि आखिर इसकी घोषणा उन्होंने क्यों की. उन्होंने कहा कि वह ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की चेयरपर्सन थीं, इसलिए वह प्रेस ब्रीफिंग में मौजूद रहीं. इसके अलावा डॉ. हर्षवर्धन एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए देश से बाहर हैं. निर्मला ने ट्वीट कर जवाब दिया, 'किरण जी, कुछ चीजें आपको बताना चाहूंगी. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कैबिनेट के निर्णयों के बारे में था. मैंने शुरू में ही बताया था कि मैं जीओएम की चेयरपर्सन की हैसियत से इसमें हूं, जिसने इस मसले पर विचार किया था. डॉ. हर्षवर्धन एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए देश से बाहर हैं.'
सीतारमण ने कहा कि जब जरूरत होती है तो कैबिनेट मंत्री सूचना एवं प्रसारण मंत्री के साथ शामिल हो जाते हैं. इसके अलावा मामले को समझाने के लिए वहां स्वास्थ्य सचिव मौजूद थीं. उन्होंने कहा, 'आपको पता होगा कि सरकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन प्रोटोकॉल को अपनाना होता है.' उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए तो वह लगातार काम कर रही हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देती रही हैं.
अंत में किरण मजूमदार शॉ ने निर्मला सीतारमण के लगातार कई ट्वीट का जवाब दिया और इस बात के लिए धन्यवाद भी दिया कि उन्होंने इस मसले पर उनका भ्रम दूर किया. किरण ने कहा, 'मैं मसले को समझ गई हूं. मेरा भ्रम दूर करने के लिए धन्यवाद.'
गौरतलब है कि बुधवार को मोदी कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए.नरेंद्र मोदी सरकार ने रेल कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस देने का फैसला किया है. इसके अलावा केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट को पूरी तरह से बैन कर दिया है. केंद्र सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस बार रेलवे के 11 लाख 52 हजार कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस दिया जाएगा. इस पर रेलवे को 2024 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.