scorecardresearch
 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति ने भी माना- अर्थव्यवस्था की हालत खराब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति पराकला प्रभाकर ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और इसे सुधारने के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए.

Advertisement
X
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति ने अर्थव्यवस्था पर उठाए सवाल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति ने अर्थव्यवस्था पर उठाए सवाल

Advertisement

  • वित्त मंत्री सीतारमण के पति पराकला प्रभाकर ने लिखा लेख
  • अर्थव्यवस्था की हालत खराब, सरकार के पास रोडमैप भी नहीं
  • नेहरूवादी नीतियों को नकारना, पर विकल्प पेश न करना वजह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और आंध्र प्रदेश सरकार के पूर्व संचार सलाहकार पराकला प्रभाकर ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और इसे सुधारने के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार इस संकट से निपटने के लिए कोई रोडमैप नहीं पेश कर पाई है.

प्रभाकर हैदराबाद की एक निजी कंपनी राइट फोलियो के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं. उन्होंने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत खराब है. सरकार भले इससे इनकार करे, लेकिन जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उनसे यह पता चलता है कि एक-एक कर कई सेक्टर संकट के दौर का सामना कर रहे हैं.  

Advertisement

किस बात की है चिंता

लेख में कहा गया है, 'भारतीय निजी उपभोग में गिरावट आई है और यह 18 महीने के निचले स्तर 3.1 फीसदी तक पहुंच गया है. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6 साल के निचले स्तर पर 5 फीसदी पर पहुंच गई है. बेरोजगारी दर 45 साल के ऊपरी स्तर तक पहुंच गई है.'

'इस बारे में कम प्रमाण हैं कि सरकार के पास इन चुनौतियों से निपटने की रणनीतिक दृष्टि है. उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को शायद इस बात का आभास था, इसीलिए इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने आर्थ‍िक प्रदर्शन की कोई बात नहीं की और समझदारी के साथ एक दृढ़ राजनीतिक, राष्ट्रवादी, सुरक्षा का एजेंडा पेश किया.

उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थ‍िक परेशानी का एक अनिवार्य तत्व यह है कि बीजेपी नेहरूवादी नीतियों के ढांचे को पूरी तरह से अपनाना नहीं चाहती जिसकी वह आलोचना करती रही है. आर्थ‍िक नीति में पार्टी ने मुख्यत: 'नेति नेति' (यह नहीं, यह नहीं) को अपनाया है और यह नहीं बताती कि उसकी अपनी नीति क्या है.

एकात्म मानववाद व्यावहारिक नहीं

पी. प्रभाकर ने कहा कि बीजेपी कोई वैकल्प‍िक नीति पेश नहीं कर पाई है. आदर्श पुरुष दीनदयाल उपाध्याय का 'एकात्म मानववाद' व्यावहारिक नहीं है. उन्होंने लिखा है, 'एकात्म मानववाद को आधुनिक बाजार आधारित वैश्विक दुनिया में व्यावहारिक नीतियों में नहीं बदला जा सकता.'

Advertisement

बीजेपी नेहरूवादी ढांचे की आलोचना करती रही है, लेकिन वह इसका विकल्प नहीं पेश कर पाई है. कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह द्वारा तैयार ढांचे को भी बीजेपी दूर नहीं कर पाई है. सरकार ने अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का रास्ता अपनाया है. इसलिए मुझे तो लगता है कि इस ढांचे को यदि बीजेपी पूरी तरह से अपनाए तो मौजूदा आर्थ‍िक संकट से मुकाबला किया जा सकता है.

Advertisement
Advertisement