ऑटो सेक्टर में मंदी की वजह से देश के वाहन उद्योग को पिछले 21 सालों में सबसे कम बिक्री का सामना करना पड़ रहा है और अगस्त महीने में 1997-98 के बाद सबसे कम बिक्री दर्ज की गई है. इस बीच सरकार की ओर से ऑटो इंडस्ट्री में सुस्ती को लेकर खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सफाई दी है.
मंदी पर वित्त मंत्री की सफाई
निर्मला सीतारमण का कहना है कि ऑटो सेक्टर ऑटो-मोबाइल इंडस्ट्री BS6 स्टैंडर्ड और मिलेनियल्स के माइंड सेट से सबसे ज्यादा प्रभावित है. सीतारमण की मानें तो मिलेनियल्स आजकल गाड़ी खरीदने की जगह ओला-उबर को तवज्जो दे रहे हैं.
Finance Minister Nirmala Sitharaman: Automobile industry is now affected by BS6 and the mindsets of millennial, who now prefer to have Ola or Uber rather than committing to buying an automobile pic.twitter.com/6KEecyopH3
— ANI (@ANI) September 10, 2019
ओला-उबर की वजह से लोग नहीं खरीद रहे हैं कार
इस तरह से वित्त मंत्री ने ऑटो सेक्टर की गिरावट के लिए लोगों के माइंडसेट में बदलाव और बीएस-6 मॉडल को जिम्मेदार ठहराया है. वित्त मंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर की हालत के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हैं, जिनमें बीएस-6 मूवमेंट, रजिस्ट्रेशन फी से संबंधित मामले और लोगों का माइंडसेट शामिल है.
लोग EMI की बोझ से बचना चाहते हैं: वित्त मंत्री
चेन्नई में निर्मला सीतारमण ने कहा कि आजकल लोग गाड़ी खरीदकर EMI भरने से ज्यादा ओला-उबर से चलना पसंद करते हैं. हालांकि उन्होंने माना कि ऑटो सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है और इसका जल्द हल निकलना चाहिए. वित्त मंत्री ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य पर चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं.
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सभी सेक्टर्स की समस्याओं के लेकर गंभीर है, और सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं और आगे भी उठाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सरकार ने इसका हल निकालने के लिए अगस्त और सितंबर में दो बड़े ऐलान किए, और भविष्य में जरूरत पड़ने पर और भी घोषणाएं की जाएंगी.
दो दशक बाद ऑटो सेक्टर में बड़ी गिरावट
गौरतलब है कि ऑटो सेक्टर में मंदी की वजह से घरेलू बाजार में अगस्त में वाहनों की बिक्री में 23.55 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ऐसी गिरावट इससे पहले साल 2000 के दिसंबर में देखने को मिली, जब बिक्री में 21.81 फीसदी की गिरावट आई थी.