जापान की कार निर्माता कंपनी निसान ने भारत के खिलाफ 5000 करोड़ रुपये का मुकदमा ठोका है. कंपनी ने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू कर दी है. निसान का आरोप है कि भारत ने उसे इंसेंटिव के तौर पर 5000 करोड़ रुपये का भुगतान करना था, जो नहीं किया गया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक कंपनी ने इस नोटिस में तमिलनाडु सरकार से बकाया इंसेंटिव की मांग की है. बता दें कि कंपनी ने साल 2008 में तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता किया था. इसमें राज्य में कार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने को लेकर करार हुआ था. इस मामले में पहली सुनवाई दिसंबर के मध्य से शुरू हो सकती है.
ये पहली बार नहीं है कि जब निसान ने भारत पर ऐसा आरोप लगाया है. इससे पहले कंपनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लीगल नोटिस भी भेज चुकी है. इसमें उसने आरोप लगाया था कि 2015 में तमिलनाडु सरकार के अधिकारी बार-बार कहने पर भी बकाया इंसेंटिव की रकम नहीं दे रहे हैं. उनके अनुरोध को नजरअंदाज किया जा रहा है.
निसान के वकीलों द्वारा जुलाई 2016 में भेजे गए नोटिस के बाद भारत सरकार और तमिलनाडु सरकार की कई बार निसान के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. इन बैठकों के दौर के बाद अगस्त में निसान ने भारत सरकार को एक मध्यस्थ नियुक्त करने की चेतावनी दी थी.
तमिलनाडु सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें लगा था इस विवाद का समाधान अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के बिना हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बकाया राशि को लेकर कोई परेशानी नहीं थी. उन्होंने बताया कि विवाद का हल निकाले जाने का प्रयास किया जा रहा है.