मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में नितिन गडकरी बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों में से रहे हैं. अब मोदी सरकार 2.0 में भी वह विकास कार्यों को शुरू करने के मामले में काफी सक्रिय दिख रहे हैं. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने अगले पांच साल में राजमार्गों में 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. इसके तहत 22 नए एक्सप्रेस- वे बनाए जाएंगे.
दोनों मंत्रालयों का कामकाज संभालने के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में गडकरी ने कहा कि वह राजमार्ग और एमएसएमई में समन्वित प्रयास से देश में तरक्की की गाड़ी को और रफ्तार देना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने काफी बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. राजमार्गों के विकास के लिए 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्लान है. इसके अलावा खादी तथा एमएसएमई उत्पादों को ग्लोबलाइज करने का प्रयास भी तेज होगा.
उन्होंने कहा कि, 'राजमार्गों के लिए ब्लू प्रिंट तैयार है. हमने राजमार्गों में कम से कम 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है, जिसके तहत 22 नए एक्सप्रेस वे बनाए जाएंगे. सभी रुके हुए प्रोजेक्ट को अगले 100 दिनों में चालू किया जाएगा और पावर ग्रिड की तर्ज पर सड़कों का ग्रिड तैयार किया जाएगा.'
गौरतलब है कि नितिन गडकरी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन, गंगा संरक्षण और नदी विकास मंत्री थे. पिछले पांच साल में इन सभी मंत्रालयों में 17 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया था, जिसमें से 11 लाख करोड़ रुपये अकेले राजमार्ग में खर्च किए गए थे. इस बार उन्हें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय का प्रभार मिला है. उन्होंने कहा है कि उनका लक्ष्य इस बार देश में अधिक से अधिक रोज़गार पैदा करना होगा.
बीजेपी की भारी जीत की चर्चा करते हुए गडकरी ने कहा कि लोगों ने इस बार जाति, संप्रदाय से ऊपर उठकर वोट दिया है जिससे फिर से इस बात की पुष्टि होती है कि लोगों को विकास चाहिए.
IL&FS के प्रोजेक्ट्स पर होगा काम
उन्होंने कहा कि 100 दिन के भीतर उनका लक्ष्य सभी रुके हुए हाईवे परियोजनाओं को आगे बढ़ाना है, जिनमें IL&FS के प्रोजेक्ट्स भी हो सकते हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने हाल में सभी परियोजनाओं की समीक्षा की है और यह देखा कि करीब 225 परियोजनाएं वित्तीय वजहों से लंबित हैं. इनका समाधान कर लिया गया है और अब केवल 20 से 25 परियोजनाएं बची हैं. यह हमारी प्राथमिकता में है और 100 दिन के भीतर हमारे पास कोई भी लंबित परियोजना नहीं रहेगी.'
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने बैंकों का करीब 3 लाख करोड़ रुपया नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए होने से बचाया है. उन्होंने कहा कि वह पिछले पांच साल में हाईवे में किए गए काम से काफी संतुष्ट हैं, क्योंकि 'करीब 11 लाख करोड़ रुपये के काम के बावजूद एक पैसे का भ्रष्टाचार सामने नहीं आया है.'