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भूमि बैंक से मिलेगा छोटे कारोबार को फायदा, गडकरी ने बताया सरकार का प्लान

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भूमि बैंक के जरिए छोटे कारोबार को फायदा पहुंचाने की योजना है.

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गडकरी ने बताया प्लान
गडकरी ने बताया प्लान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गडकरी ने निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया
  • चीन से आयात को कम करने पर जोर

बीते दिनों केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक खास तरह के भूमि बैंक का जिक्र किया था. अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने इस बैंक के बारे में विस्तार से बताया है. 

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नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार भूमि बैंक और सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने जैसे विचारों पर काम कर रही है ताकि लोगों के छोटी दुकानों और कारोबारों को चलाने में मदद की जा सके. हाल ही में एक ऑनलाइन एमएसएमई सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने ये बात कही है.

आयात पर निर्भरता हो काम
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें भारत का निर्यात बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने को लेकर विचार करने की भी जरूरत है. चीन के निर्यात के बारे में गडकरी ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था का कुल 30 प्रतिशत विनिर्माण चीन में होता है। करीब 10 ऐसी बड़ी निर्यात श्रेणियां हैं जो कुल निर्यात में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और उपकर इत्यादि शामिल हैं.

नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘अब समय गया है कि हम उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां हम आयात पर निर्भरता कम कर सकते हैं. हमें सोचना होगा कि अपने उद्योग और एमएसएमई को कैसे विकसित कर सकते हैं कि जिसका लाभ दुनिया की मौजूदा आर्थिक स्थिति में उठाया जा सके. ’’

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भूमि बैंक पर क्या बोले
नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘हम भूमि बैंक और सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने के विचार पर काम कर रहे हैं. यह छोटी दुकानें या कारोबार चलाने वाले उद्यमियों के लिए बड़ा सहायक होगा.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के बारे में उन्होंने कहा कि हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी ग्रामोद्योग और कृषि आधारित कारोबारों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, विशेषकर 115 आकांक्षी जिलों में. 

ये पढ़ें—न जमा- न निकासी, मोदी सरकार करेगी नए बैंक की शुरुआत, ऐसे लें फायदा

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत अब तक 1,20,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है. 

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