कमजोर मांग के चलते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माणाधीन कुल 5.2 लाख मकानों में से एक चौथाई इकाइयों के खरीददार नहीं मिल रहे.
प्रापर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक के मुताबिक, एनसीआर बाजार में 2012-13 की दूसरी छमाही के दौरान नई आवासीय इकाइयों की पेशकश में 31 प्रतिशत की गिरावट आई और यह घटकर 33,500 इकाइयां रह गई. वहीं समीक्षाधीन अवधि में बिक्री 12 प्रतिशत घटकर 33,200 इकाइयों की रही. नाइट फ्रैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एनसीआर में मांग सुस्त रहने के बावजूद कीमतों में सतत वृद्धि का रुख बना रहा. निर्माण लागत बढ़ने के चलते कीमतों में यह वृद्धि हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीआर बाजार में करीब 5,20,000 रिहाइशी इकाइयों के निर्माण के विभिन्न चरण में हैं. एनसीआर में अनुमानित 1,40,000 इकाइयां नहीं बिक सकी हैं जो निर्माणाधीन इकाइयों का कारीब 27 प्रतिशत है.
जो आवासीय इकाईयां नहीं बिक पाईं उनमें 66 प्रतिशत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हैं. इन स्थानों में कई परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है. यह संख्या काफी अधिक है लेकिन फिर भी 2012 की तुलना में इसमें कुछ सुधार आया है. तब इन क्षेत्रों में 78 प्रतिशत आवासीय इकाइयां बिना बिके रह गईं थीं.
नाइट फ्रैंक के अनुसार कुल मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नई आवासीय परियोजनाओं की शुरुआत और उनकी मांग में गिरावट को देखते हुये आवासीय बाजार में सतर्कतापूर्ण दृष्टिकोण बना हुआ है.