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मोदी राज में भी हालात नहीं बदले, कारोबारी बेचैन: दीपक पारेख

देश के बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख हस्ती और एचडीएफसी के प्रमुख दीपक पारेख ने देश में कारोबार की सहूलियत के लिए प्रशासनिक बंदिशों में ढील देने की वकालत की है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार के पहले 9 महीनों में जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं दिखने से कारोबारी अधीर हो रहे हैं.

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नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

देश के बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख हस्ती और एचडीएफसी के प्रमुख दीपक पारेख ने देश में कारोबार की सहूलियत के लिए प्रशासनिक बंदिशों में ढील देने की वकालत की है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार के पहले 9 महीनों में जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं दिखने से कारोबारी अधीर हो रहे हैं.

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पारेख ने कहा कि उद्योग जगत मोदी सरकार से अपेक्षित बदलावों को लेकर अब भी आशावान है, लेकिन यह आशावादिता आय में नहीं बदल रही है और कारोबार को सुगम बनाने के मोर्चे पर अभी बहुत कम सुधार देखने को मिला है.

पारेख को भारतीय उद्योग जगत के पथ प्रदर्शकों के रूप में देखा जाता है. वह नीति व सुधारात्मक मुद्दों पर गठित अनेक प्रमुख सरकारी समितियों के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि 'मेक इन इंडिया' अभियान तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक कि लोगों के लिए कारोबार करना सुगम नहीं किया जाता, जल्दी फैसले नहीं किए जाते. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, 'मेरी राय में देश के लोगों, उद्योगतिपयों व उद्यमियों को अब भी बहुत उम्मीद है कि मोदी सरकार कारोबार के लिए, उन्नति के लिए व भ्रष्टाचार कम करे के लिए अच्छी होगी. उन्हें लगता है कि यह सरकार इन सभी मोर्चों पर काम करेगी.'

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पारेख ने कहा, 'नौ महीने के बाद थोड़ी बहुत अधीरता सामने आने लगी है कि कोई बदलाव क्यों नहीं हो रहा और जमीनी स्तर पर असर दिखने में इतना समय क्यों लग रहा है. उम्मीद तो बरकार है, लेकिन इसकी झलक कमाई में नहीं दिख रही. आप किसी भी उद्योग को लें, जब वहां बहुत आशावाद होता है तो वृद्धि तेज होनी चाहिए.'

गौरतलब है कि पारेख बीते तीन दशकों में विभिन्न सरकारों के सुधारात्मक व नीतिगत कदमों को लेकर बहुत मुखर रहे हैं. वे नीतिगत मोर्चे पर ढिलाई को लेकर गत यूपीए सरकार की आलोचना करने वाले पहले उद्योगपतियों में से थे.

पारेख ने कहा, 'बात यह है कि इन नौ महीनों में प्रधानमंत्री के लिए समय बहुत भाग्यशाली रहा है. वैश्विक जींस कीमतें अपने निम्नतम स्तर पर हैं, जिसका भारत को सबसे अधिक फायदा हुआ है.' उन्होंने कहा कि भारत एक बार फिर ऐसी स्थिति में है, जहां हर कोई उसे बड़ी उम्मीद से देख रहा है. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कारोबार करने में सुगमता के लिहाज से अभी कुछ बदला है.' पारेख ने इस बारे में एचडीएफसी बैंक को धन जुटाने के लिए मंजूरियों में देरी का उदाहरण भी दिया.

---इनपुट भाषा से

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