दिल्ली में 2 अक्टूबर से बिना पीयूसी यानी 'पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट' के आपको पेट्रोल या डीजल नहीं मिलेगा. दिल्ली के मुख्य सचिव ने एक हाई लेवल मीटिंग में यह फैसला किया है.
इस फैसले को लागू करने से एक महीने पहले, यानी 1 सितंबर से सरकार इस बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए एक खास अभियान भी चलाया जाएगा. दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए बनी हाई लेवल कमेटी ने ऐसा करने का प्रस्ताव तैयार किया था. इसके बाद दिल्ली सरकार ने तीन तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के अधिकारियों के साथ बैठक की और इस योजना को लागू करने के तौर-तरीकों पर रणनीति तैयार की.
दिल्ली सरकार के आंकड़ों की मानें, तो इस वक्त दिल्ली में चलने वाली गाड़ियों में महज 33 फीसदी के पास ही पीयूसी सर्टिफिकेट मौजूद हैं. सरकार ने यह भी अनुमान लगाया कि दिल्ली की सड़कों पर हर रोज 30 से 40 लाख गाड़ियां निकलती हैं, जिनमें महज 12 से 15 लाख के पास ही पीयूसी सर्टिफिकेट मौजूद है.
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि जिन गाड़ियों के पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है, उन्हें तत्काल ई-मेल, एसएमएस और चिट्ठी के जरिए सर्टिफिकेट लेने को कहा जाए. जब यह योजना 2 अक्टूबर से पूरी तरह लागू कर दी जाएगी, तब तक परिवहन विभाग वैसी सभी गाड़ियों को एक स्टीकर भी जारी करेगा, जिनके पास पीयूसी सर्टिफिकेट है, ताकि ऐसी गाड़ियों की पहचान पेट्रोल और डीजल देने वाला स्टाफ कर सके. इस स्टीकर पर गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ ही पीयूसी सर्टिफिकेट कब तक मान्य हैं, यह भी साफ-साफ लिखा होगा.