इस साल अर्थशास्त्र के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी अर्थशास्त्री विलियम नॉर्डहॉस और पॉल रोमर को संयुक्त रूप से दिया जाएगा. इन दोनों को यह प्रतिष्ठित सम्मान जलवायु परिवर्तन और उसका इकोनॉमी पर पड़ने वाले असर के बारे में बताने पर दिया जा रहा है.
पुरस्कार देने वाली समिति ने सोमवार को इन दोनों के नाम की घोषणा की. पुरस्कार देने वाली रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने इनके बारे में बताया.
एकेडमी के मुताबिक येल विश्वविद्याल के प्रोफेसर नॉर्डहॉस और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस के रोमर ने ‘हमारे समय के कुछ अहम प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया है. ये हमें बताते हैं कि किस तरह हम अपनी आर्थिक तेजी को बरकरार रख सकते हैं.''
नॉर्डहॉस को ‘जलवायु परिवर्तन के दीर्घकालिक वृहद आर्थिक विश्लेषण के साथ संबंध’ स्थापित करने की खातिर नोबेल दिया जाएगा. वहीं, रोमर को ‘प्रौद्योगिकी नवोन्मेष के दीर्घावधि में वृहद आर्थिक विश्लेषण के साथ संबंध’ स्थापति करने को लेकर यह पुरस्कार मिलेगा.
बता दें कि नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है. अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल हासिल करने वालों को 90 लाख स्वीडिश क्रोनॉर (10.1 लाख डॉलर) की इनामी राशि मिलेगी. इस साल अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह राशि दोनों विजेताओं को संयुक्त रूप से दी जाएगी.
पिछले साल की बात करें तो इस दौरान अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर को दिया गया था. उन्हें ‘नज’ सिद्धांत का सह-जनक माना जाता है.
उन्होंने अपने सिद्धांत में बताया था कि कैसे लोगों का आर्थिक निर्णय उन्हें स्वस्थ और खुश बनाए रखने में मदद कर सकता है.