फिनलैंड की मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनी नोकिया अपने चेन्नई कारखाने को जल्द से जल्द बेचना चाहती है. कंपनी का इरादा इसे बेचने से मिलने वाली राशि को तब तक एस्क्रो अकाउंट (Escrow Account) में रखने का है जब तक भारत सरकार के साथ टैक्स विवाद नहीं निपट जाता.
नोकिया के कार्यकारी उपाध्यक्ष (मार्केटिंग, संचार एवं कॉरपोरेट मामले) बेरी फ्रेंच ने बताया, ‘हम कह चुके हैं कि यदि हमें कारखाने को बेचने की अनुमति मिलती है तो हम इससे प्राप्त होने वाली राशि को एस्क्रो अकाउंट में रखेंगे. यह हमारा पैसा नहीं होगा. टैक्स विवाद सुलझने तक हम इस राशि को एस्क्रो खाते में ही रखेंगे.’
नोकिया ने पिछले हफ्ते ही अपने चेन्नई के पास मोबाइल बनाने के इस कारखाने को बंद करने का फैसला किया था. उसके बाद से कंपनी के किसी शीर्ष कार्यकारी का यह पहला बयान आया है. फ्रेंच ने संयंत्र की स्थिति और उसके घटते मूल्य पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, ‘सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इस कारखाने की कीमत हर दिन कम होती जा रही है.’ नोकिया ने एक नवंबर से अपने चेन्नई कारखाने को बंद करने की घोषणा की है. इससे इस कारखाने में करीब 1,100 कर्मचारी काम करते हैं और अब उनके भविष्य पर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है.
फ्रेंच ने कहा, ‘हमें पैसे को एस्क्रो अकाउंट में रख कर कोई खरीदार ढूंढने और नौकरियां वापस लाने में खुशी होगी.यह दिल तोड़ने वाला है.’
गौरतलब है कि भारतीय टैक्स ऑफिसर्स के साथ विवाद की वजह से हेलसिंकी की इस कंपनी को माइक्रोसाफ्ट के साथ 7.5 अरब डॉलर के हैंडसेट कारोबार की बिक्री के सौदे से चेन्नई कारखाने को अलग रखना पड़ा था.